Book Title: Jain Lakshanavali Part 1
Author(s): Balchandra Shastri
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 436
________________ ग्रन्थानुक्रमणिका १५ सख्या संकेत ग्रन्थ नाम ग्रन्थकार प्रकाशक प्रकाशन काल ३०८ षडशी. षडशीति कर्मग्रन्थ जिनवल्लभगणि प्रात्मानन्द सभा, भावनगर वि.सं.१९७२ ३०६ षडशी.हरि.वृ. षडशीति वृत्ति हरिभद्र ३१० षडशी.मलय. मलयगिरि | षडशी. दे. | षडशीति (चतुर्थ क.प्र.) | देवेन्द्रसूरि ई. १९३४ ३१२ - षडशी. दे षडशीति वत्ति ___ स्वो. व. षड्द. स. | षड्दर्शनसमुच्चय हरिभद्र सूरि जैनधर्म प्रसारक सभा, भावनगर वि. १६६४ ३१४ | षष्ठ.क. | षष्ठकर्म ग्रन्थ (सप्ततिका)/ चन्द्रषि महत्तर वि.सं. १९६८ ३१५ षष्ठ.क.मलय. " वृत्ति मलयगिरि ३१६ । षोडश. षोडशकप्रकरण जैन शेताम्बर संस्था, रत्नपूर वि. सं. १९६२ | हरिभद्र सूरि | यशोभद्रसरि षोडश. वृ. " वृत्ति ३१८ सप्ततिः । सप्ततिकाप्रकरण चन्द्रर्षि महत्तर ई. १६४० जैन प्रात्मानन्द सभा, भावनगर सप्ततिका प्रकरण वृत्ति मलयगिरि सप्तति. मलय.व. सप्तभं० सप्तभंगीतरंगिणी विमलदास वी. नि. २४३१ परमश्रुत प्रभावक मण्डल बम्बई भा. जैन सिद्धांत प्रकाशिनी ___ संस्था, काशी समयप्रा. समयप्राभूत कुन्दकुन्दाचार्य ई.१६१५ समयप्राभत टीका अमृतचन्द्र सूरि ३२२ | समयप्रा. अमृत. वृ. ३२३ समयप्रा. जय.व. समय.क. " वृत्ति प्रा० जयसेन समयसारकलश अमृतचन्द्र सरि | निर्णयसागर मुद्रणालय, बम्बई ई. १६०५ | समवा. | समवायांग सूत्र ई १९३८ | भयेर चन्द ठे.भीनीवारी, अहमदाबाद ३२६ | समवा. अभ. " वत्ति अभयदेव सूरि | समाधि. समाधितन्त्र पूज्यपाद वीरसेवामन्दिर, सरसावा ई.१६३६ ३२८ समाधि. टी. समाधितन्त्र टीका प्रभाचन्द्राचार्य ३२६ सम्बो. स. सम्बोधसप्तति रत्नशेखर सरि | आत्मानन्द जैन सभा, भाव.वि.१९७२ नगर ३३० सम्बो.स.टी. " टीका गुणविनयवाचक Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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