Book Title: Jain Lakshanavali Part 1
Author(s): Balchandra Shastri
Publisher: Veer Seva Mandir Trust
View full book text
________________
८
संख्या
संकेत
१४७ नन्दी. चू. नन्दीसूत्र चूर्णि
१४८ नन्दी. हरि.वृ. नन्दीसूत्र वृत्ति
१४६ नयप्र.
नयप्रदीप
37
१५० नयर.
१५१ नयोप.
१५२
१५३ नवत.
१५४ नंदी चू.
नंदीसुत्त चुण्णि
१५५ नारदाध्ययन नारदाध्ययन
१५६
नि. सा.
नियमसार
१५७ नि. सा. वू. नियमसार वृत्ति
१५८ निर्वाणक.
निर्वाणकलिका
१५६ निशीथचू. निशीथचूर्णि
१६० नीतिवा.
नीतिवाक्यामृत
१६१ नीतिवा. टी. नीतिवाक्यामृत टीका
१६२ नीतिसा.
नीतिसार
१६३ न्यायकु.
१६४
१६५ न्या. दी.,
न्यायदी. १६६ न्यायवि.
स्वो. वृ.
3:
१६७ न्यायवि. वि.
१६८
१६६
६७०
ग्रन्थ नाम
Jain Education International
"
नयरहस्य प्रकरण
नयोपदेश
नयोपदेश वृत्ति
नवतत्त्वप्रकरण
17
न्यायदीपिका
न्यायविनिश्चय
"
33
जैन - लक्षणावली
न्यायाव.
न्यायावतार
न्यायाव. वृ. | न्यायावतार वृत्ति
ग्रन्थकार
भट्टारक इन्द्रनन्दी
न्यायकुमुदचन्द्र प्रथम भाग प्रभाचन्द्राचार्य
द्वितीय भाग
37
जिनदास गणि महत्तर ऋ. के. जैन श्वे. संस्था, रतलाम ई. १८२८
हरिभद्र सूरि
उ. यशोबिजय
यशोविजय गणी
जिनदास गणी
कुन्दकुन्दाचार्य
पद्मप्रभ मलधारी देव
पादलिप्ताचार्य
जिनदास गणि महत्तर
सोमदेव सूरि
अभिनव धर्मभूषण
भट्टाकलंकदेव
विवरण प्र. भा. वादिराज सूरि
"1
द्वि. भाग
"
"
सिद्धसेन दिवाकर सिद्धर्षि गणी
प्रकाशक
For Private & Personal Use Only
31
33
जैनधर्मप्रसारक सभा, भावनगर वि. १९६५
आत्मवीर सभा, भावनगर
31
नथमल कन्हैयालाल, बंबई
खीमजी भीमसिंह माणकें, बबई ई. १९४६
प्राकृत ग्रन्थ परिषद्-वाराणसी ई. १६६६
ا"
जैन ग्रन्थ रत्नाकर कार्यालय ई. १९१६
बंबई
"
प्रकाशन काल
ور
"
17
शंका
"
ई. १६१६
मा. दि. जैन ग्रन्थमाला समिति, वि. १९७६
बंबई
श्वे. जैन महासभा, बंबई
""
11
वि. सं. १९७५
ई. १६३८
ई. १६४१
वीर सेवा मन्दिर
ई. १६४५
सिंघी जैनग्रन्थमाला, कलकत्ता ई. १९३ε
भारतीय ज्ञानपीठ, काशी
37
دو
ई. १९२६
ई. १६४६ ई. १६५४ वि. सं. १६८५
را
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446