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यह सोचकर मैंने 'जैन जीवन' बनानेका निश्चय किया । अर्थात् अब मैं जैनतत्त्वज्ञानको चारित्ररूपसे व्यवहार में लानेके लिए तत्पर हो गया । जिन बारह व्रतों का रहस्य समझ कर मैं जहाँ तहाँ उनकी प्रशंसा किया करता था उन्हींका पालन करनेका मैंने पक्का निश्चय कर लिया । (४)
वास्तव में सारी कठिनाइयाँ मेरे सामने इसी समय उपस्थित हुई । बीडी भंग आदि पदार्थों के सेवनका मुझे बहुत ही शौक था। परन्तु अब इनके छोड़े बिना व्रतोंका पालन करना कठिन हो गया | रात्रि - भोजन, दुप्पाच्य भोजन और तीक्ष्ण चरपरे पदार्थों का त्याग व्रतीको करना ही चाहिए। नाटक, तमाशे, हँसी दिल्लगी, गपशप, मनोहर दृश्य, फेशन, वासनाओंको जागृत करनेवाले उपन्यास और काव्य, .. आकुलता बढ़ानेवाले रोजगार ; इन सब बातोंका त्याग किये बिना व्रतों का पालन नहीं हो सकता | गरज यह कि मुझे अपना सारा जीवन बदल डालना चाहिए - नवीन जीवन प्रारंभ करने के समान • इकना एक से गिनना शुरू करना चाहिए, ऐसा मुझे मालूम हुआ । वास्तव में यह काम बहुत ही कठिन था, परन्तु यह सोचकर कि गिनती के पहाडे बोटे बिना गणितज्ञ बनना असंभव है - मैंने अपने जीवनका साहसपूर्वक फिरसे प्रारंभ किया ।
जिन्हें उक्त वस्तुओंके छोड़नेकी कठिनाइयोंका अनुभव होगा वे ही मेरी इस समयकी असुविधाओंका बीच बीचमें आनेवाली कमजोरि - योंका और कठिनाइयोंका खयाल कर सकेंगे ।
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केवल मनोनिग्रह सम्बन्धी कठिनाइयोंसे ही मेरे दुःखकी पूर्ति नहीं हुई। लोगों के साथ मिलना जुलना बन्द कर देनेके कारण मेरे सम्बवी तथा इष्टमित्र मुझे मनहूस, वकत्रती, स्वार्थी, अर्द्धविक्षिप्त आदि
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