Book Title: Jain Gaurav Smrutiya
Author(s): Manmal Jain, Basantilal Nalvaya
Publisher: Jain Sahitya Prakashan Mandir

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Page 13
________________ गधया के प्रमुख । कलकत्ता में प्रमुख कपड़ा गवसायी तेरापन्धी जैन । समाज के श्रागेवान, उदार चेताश्रीमन्त । (५७६) १३ सेठ रतनचन्दजी सा. बांठिया, पनवेल, __धूत पापेश्वर सेल्स कोरपोरेशन के संचालक, प्रसिद्ध उद्योग पति, दानवीर श्रीसन्त (५८३) १४ सेठ ईश्वरचन्दजी भैरोदानजी सा. चौपड़ा, गंगाशहर तेरा पंथी जैन समाज के सर्वोपरि नेता । दानवीर शिक्षा प्रेमी श्री मन्त । चौपड़ा हाई स्कूल के संचालक। चौपडा राम नगर स्टेट के मालिक । (५८४) १५ सेठ चम्पालालजी सा. बांठिया, भीनासर उत्साही, विचारवान कार्यकर्ता व दानवीर श्रीमन्त । जवाहर विद्या । पीठ व जवाहर साहित्य प्रकाशन के प्राणा । एक्म एम. एल. सी. । (५८५). १६ सेट चम्पालालजी सा. बंद, भीनासर परम उदार चेता श्रीमन्त । तेरा पंथी जैन समाज के आगेबान (५८६) १७ सेट नथमलजी सा. सेठी, कलकत्ता __ कलकत्ता के प्रसिद्ध जूट व्यवसायी व उद्योगपनि । सामाजिक कार्य कर्ता । (५८७) १८ सेठ घनश्यामदासजी सा. बाकलीवाल, लालगढ़ आसाम में बर्मा आयल कम्पनी के प्रमुग्व साथी । गज्य सन्मानित । उदार चरित्र । (५८६) १९ श्री जवाहरलालजी सा. दफ्तरी, बनारस . समाज सेवी कर्मट कार्य कर्ता । ओसवाल महा मम्मेलन के म. मंत्री (५६१) . २० सेठ लक्ष्मीचन्दजी फतेहचन्दजी सा. कोचर, बीकानेर __धर्मवीर । धार्मिक व शिक्षा प्रचार कार्यों में परम सहायक । (५६२) २१ सेंट नरभेरामजी हंसराजजी कामानी, जमशेदपुर सुप्रसिद्ध उद्योगपति | जमशेदपुर जैन संघ के संधपति । धार्मिक व शिक्षा कार्यों के परम सहायक ( ५६५)

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