Book Title: Jain Gaurav Smrutiya
Author(s): Manmal Jain, Basantilal Nalvaya
Publisher: Jain Sahitya Prakashan Mandir

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Page 11
________________ माननीय संरक्षक . सेठ श्रोमाजी ओखाजी, मालवाड़ा, जोधपुर मालवाड़ा निवासी सेट मगनलालजी, सेठ मूलचन्दजी और सेठ चिम्मनलालजी इस परिवार के मुखिया है। तीनों ही परम उदार, धर्मनिष्ठ, शिक्षा व साहित्य प्रेगी व गुप्त दानी हैं। मालवाड़ा में विशाल भवन और सवालाख रू० ध्रुव फंड से शोमाजी ओखाजी मिडिल स्कूल व धर्माध औषद्यालय है। वर्तमान में जोधपुर में काम काज होता है। विशेष पृष्ठ ५६७ पर पढ़े। आपने इस ग्रन्थ के प्रकाशन में सहायतार्थ २५०) अग्रिम व २५०) पश्चान प्रदान करने की उदारता प्रदशित थी है। कोदिशः धन्यवाद । এলালিলা হা -~दानवीर रावराजा राज्य भूषण श्रीमन्त गर मेठ हुकमचंदजी मा. इन्दौर सुप्रसिद्ध उद्योगपति, जैनममाज के सर्वोपरि नेता, संरक्षक व दानवीर ( विशेष परिचय पृष्ट ५५० ) आप से अन्य प्रकाशन कार्य में बड़ी सहायता प्राप्त रही है । धन्यवाद ! २.-रायबहादुर राज्य भूषण सेठ कन्हैयालालजी भंडारी, इन्दौर सुप्रसिद्ध उद्योगपति, मिल मालिक व शिक्षाप्रेमी ( विशेष परिचय K पृष्ठ ५.६० ) आप से ग्रन्थ प्रकाशन में बड़ी सहायता प्राप्त रही हैं। धन्यवाद ! निम्न महानुभायों ने अन्य प्रकाशन में १०० रुपया विशेष .. सहायता रूप में प्रदान करने की कृपा की है । एतदर्थ सबको कोटिशः धन्यवाद । ---प्रशाशक ३-जैनरत्न रायबहादुर सर सेठ भागचन्दजी सा. सोनी, अजमेर . जैन समाज के रत, प्रसिद्ध श्रीमन्त, टीकमचंद

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