Book Title: Jain Dharm Prakash 1950 Pustak 066 Ank 11
Author(s): Jain Dharm Prasarak Sabha
Publisher: Jain Dharm Prasarak Sabha

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Page 4
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मत वाला। ACHAR शानका भान कराके, गुरुवर बना दो मतवाला। बना दो मतवाला, बना दो 'मतवाला विश्व प्रेमका पाठ पढा दो, ईर्षा द्वेषको दूर नसा दो । मैत्री, प्रमोद, करुणा, माध्यस्थसे, बना दो मतवाला ॥ ज्ञान ॥२॥ शस्त्र अहिंसा करमें उठाके, मोहम्लेच्छको मेरा नसाके । सत्य शक्ति का भान कराके, बना दो मतवाला ॥ ज्ञान ॥ ३ ॥ वृत्ति अहिंसा मेरी बनाके, सत्यासत्यका ज्ञान कराके । अस्तेय, अब्रह्म से दूर हठाके, बना दो मतवाला ॥ शान ॥४॥ परिग्रह का ममत्व हटाके, सत्य श्रद्धा मेरी प्रकटाके। आतम कमल मेरा विकसाके, बना दो मतवाला ॥ ज्ञान ॥५॥ जीवाजीवादि तत्त्व बताके, कर्मसी फिलसुफी समजाके। शासन का मुझ रसिक बनाके, बना दो मतवाला ।। ज्ञान ॥ ६॥ कायरपन सब मेरा हटाके, चीर ! वीरता को प्रकटाके । आतम ज्योति मेरी जगाके, बना दो मतवाला ॥ ज्ञान ॥ ७ ॥ लब्धिनिधान तुम कहला के, असंख्यका उद्धार कराके । मेरी विनय पर ध्यान को लाके, वना दो मतवाला ॥ ज्ञान ॥ ८ ॥ पर्युषण पर्व के पूर्व प्रभाते, दिव्य भावना मेरी बनाके । गुरुवर राजको अब अपनाके, बना दो मतवाला ॥ शान ॥९॥ राजमल भण्डारी-आगर 1 मस्त आत्म धूनवाला। Talp nenutuo ARHITILATERIALET ESS LEXARID GAAND CHANGINGILF E CARNEIRA ETANARID ALUNMASI ( २५०)40 For Private And Personal Use Only

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