Book Title: Jain Dharm Darshan Part 01
Author(s): Nirmala Jain
Publisher: Adinath Jain Trust

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Page 60
________________ इन्द्रिय - 5 :- स्पर्शेन्द्रिय, रसनेन्द्रिय, घ्राणेन्द्रिय, चक्षुन्द्रिय, श्रोतेन्द्रिय बल-3 :- मनबल, वचनबल, कायबल प्रत्येक जीव को प्राप्त इन्द्रियाँ, प्राण एवं पर्याप्तियाँ इन्द्रिय प्राण जीव एकेन्द्रिय पर्याप्ति स्पर्शेन्द्रिय स्पर्शेन्द्रिय काय बलप्राण श्वासोच्छ्वास आयुष्य आहार शरीर इन्द्रिय श्वासोच्छ्वास बेइन्द्रिय 2 स्पर्शेन्द्रिय रसनेन्द्रिय स्पर्शेन्द्रिय रसनेन्द्रिय वचन बलप्राण काय बलप्राण श्वासोच्छ्वास आयुष्य आहार शरीर इन्द्रिय श्वासोच्छवास भाषा तेइन्द्रिय स्पर्शेन्द्रिय रसनेन्द्रिय घ्राणेन्द्रिय स्पर्शेन्द्रिय रसनेन्द्रिय घ्रोणेन्द्रिय वचन बलप्राण काय बलप्राण श्वासोच्छ्वास आयुष्य आहार शरीर इन्द्रिय श्वासोच्छ्वास भाषा चउरिन्द्रिय 8 स्पर्शेन्द्रिय रसनेन्द्रिय घ्राणेन्द्रिय चक्षुइन्द्रिय आहार शरीर इन्द्रिय श्वासोच्छ्वास भाषा स्पर्शेन्द्रिय रसनेन्द्रिय घ्राणेन्द्रिय चक्षुइन्द्रिय वचन बलप्राण, काय बलप्राण श्वासोच्छ्वास, आयुष्य 9 पांच इन्द्रिय वचन बलप्राण काय बलप्राण 5 पंचेन्द्रिय (असंज्ञी) स्पर्शेन्द्रिय रसनेन्द्रिय घ्राणेन्द्रिय आहार शरीर इन्द्रिय **** 54 2 Jatraditatistematidhara PPPRATAPAAAAAAAAAAAAAAAAAA... Anjaatenotatog

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