Book Title: Jain Bhajan Tarangani
Author(s): Nyamatsinh Jaini
Publisher: Nyamatsinh Jaini

View full book text
Previous | Next

Page 24
________________ जन भजन तरंगनी। २७ नोट-सरकार पृटिश की तारीख १९ नोम्बर सन् १९१८ को अर्मन पर विजय हुई-जिसकी खुशी में हिसार में मिस्टर उसमा लतीफी माय डिपटी कमिश्नर बहादुर ने जस्ता किया-इस जल्से में यह मुबारक पादी सुनाई गई थी। चाल-अदमसे जानिव हस्ती तलाशे यार में पाए ॥ खुशी का आज यह जल्सा मुबारक हो मुबारक हो । हिन्द इंग्लैंडको जापानको सवको मुबारक हो १ ॥ हुई है जीत बृटिशकी मुबारक हो मुबारक हो। फते है जार्ज पंजम की मुबारक हो सुबारक हो २ ॥ कई वर्षों से आफत में पड़े थे एशिया योरप । आज सुखकी हवा आई मुबारक हो मुबारक हो ३ ॥ मुबारक आज का दिन है खुशी क्योंकर न हो. हम । तार नुसंरत का आया है मुबारक हो मुबारक हो ४ ।। खुशी का बज रहा है आज नकारा ज़माने में । गली कूचे में घर घर में मुबारक हो मुबारक हो ५ ।। मिस्टर उल्मा लतीफी भी शहर में कहते जाते हैं। हुई है जीत बृटिश की मुबारक हो मुबारक हो ६ ।। चढ़ा है औज पर बेशक सितारा जार्ज पंजम का। हुवे मगलूब सब दुशमन मुबारक हो मुबारक हो ७ ।। सुलह नामे पे भी चुपके से सिगनेचर किये सबने । आस्टरिया ने जर्मन और टी ने मुबारक हो ८॥ १ जीत

Loading...

Page Navigation
1 ... 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39