Book Title: Jain Bhajan Tarangani
Author(s): Nyamatsinh Jaini
Publisher: Nyamatsinh Jaini

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Page 37
________________ पवित्र दंत मंजन। १-यह पवित्र दंत मंजन मैने हिसार के श्रीमान पंडित श्रीदत्तजी वैद्य से अपने लिये बनवाया था-क्योंकि मेरे दांतों में हर समय चीस रहती थी और कभी कभी मसूढ़े फूल जाते थे-सो इसके लगाने से अब मुझे बिल्कुल आराम है और सदैव प्रातःकाल इस पवित्र मंजन का नियम पूर्वक इस्तेमाल करता रहता हूं २-यह पवित्र दंत मंजन दांतों की हर प्रकार की बीमारियों को फायदा करता है-प्रत्येक स्त्री पुरुप और आठ वर्ष के बच्चे को प्रातःकाल नहाते समय अपने दांतों को इस पवित्र दंत मंजन से साफ करने चाहियें। जिससे सदैव दांत साफ और मजबूत रहते हैं और मुंह की रखवत व बदबू भी दूर हो जाती हैं। ३--यह पवित्र दंत मंजन जंगल की जड़ी बूटियों से बनाया गया है इसमें किसी प्रकार की खड़िया आदि मिट्टी भी नहीं है विलायंती देत मंजन आदि जो प्रायः बाजारों में तड़क मड़क की शीशियों में बिकता देखते हैं जो हमारे लिये महा अशुद्ध और हानिकारक है-प्रायः उन सब दंत मंजनों से यह पवित्र दंत मंजन शुद्ध है फायदा देनेवाला है और स्वादिष्ट है। ४---इस पवित्र दंत मंजन को जो बारीक पिसा हुआ है हाथ की उंगली (चुरुश से भी इस्तेमाल कर सकते

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