Book Title: Hindi Jain Sahitya ka Bruhad Itihas Part 3 Author(s): Shitikanth Mishr Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi View full book textPage 4
________________ अर्थ सहयोग श्री मुम्बई जैन युवक संघ, मुम्बई के जैन नागरिकों की प्रबुद्ध संस्था है जो अपनी समाज-सेवा सम्बन्धी गतिविधियों तथा अपने विद्यासत्रों एवं पर्युषण व्याख्यानमाला के आयोजनों के कारण लोकविश्रुत है। 'प्रबुद्ध-जीवन' नामक पाक्षिक पत्र, श्री म० मो० शाहा सार्वजनिक वाचनालय और दीपचन्द त्रिभुवनदास पुस्तक प्रकाशन ट्रस्ट के माध्यम से यह संस्था जैन विद्या के क्षेत्र में अनुपम योगदान कर रही है। इसके साथ ही अस्थि सारवार केन्द्र, नेत्रयज्ञ आदि प्रवृत्तियों द्वारा मानव समाज की सेवा में भी लगी हुई है। इस संस्था के द्वारा पार्श्वनाथ विद्यापीठ को अपने प्रकाशन कार्यक्रमों में सदैव सहयोग प्राप्त होता रहा है। अब तक इसके आर्थिक सहयोग से पार्वनाथ विद्यापीठ के द्वारा सात ग्रन्थों का प्रकाशन हो चका है। हिन्दी जैन साहित्य का बृहद् इतिहास' के प्रथम-द्वितीय खण्ड के समान ही इस तृतीय खण्ड के प्रकाशन में भी उन्होंने हमें बीस हजार रुपये का आर्थिक सहयोग प्रदान किया है। इस हेतु हम श्री रमणलाल चि० शाह के और श्री मुम्बई जैन यूवक संघ के अन्य ट्रस्टियों के विशेष आभारी हैं और यह आशा करते हैं कि भविष्य में भी उनके सहयोग द्वारा हम जैन विद्या की सेवा करते रहेंगे। भपेन्द्रनाथ जैन सचिव पार्श्वनाथ विद्यापीठ वाराणसी-५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 ... 618