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ज्ञानानन्दरत्नाकर। यामा के || टेक ॥ तुम त्रिभुवन आनन्द करण लाल वामा के. विख्यात वि रद दुःख हरण लाल यामा के, तनु श्याम सजल घनवरण लाल बागा के लख दरश लगे अघ डरन लाल वामा के, आनन्द का घर घरन लाल बामा के, में आया थारे शरण लाल बामा के ॥ १ ॥ तुम वचसुन युग अहि करण लाल बागा के, दम्पति ना पाये जरन लाल बामा के, तुम कुमर काल तप धरन लाल वामा के, कच लंच किये मृदु करन लाल वामा के, विहरे भू भवि उद्धरन लाल वामा के, में आया थारे शरण लाल वामा के ॥ २ ॥ मुन ध्वनि तुम निर अक्षरन लाल वामा के, शिवली तद्भव बहु नरन लाल बामा के, बहुतों तज वस्त्राभरण लाल वामा के, दृढधारा सम्यक चरन लाल यामा के, अनुबूत धारे चउवरण लाल वामा के, मैं आया थारे शरण लाल वामा के ॥ ३ ॥ सम्यक्त्व लिया बहु मुरन लाल वामा के, पशुवती भये यस अरन लाल यामा के, यमु अरि हरि शिव त्रिय परन लाल वामा के भये सिद्ध मिटा भय मरण लाल बामा के, नवें नाथूराम नित चरण लाल यामा के, मैं याया थारे शरण लाल बामा के ॥ ४ ॥
चौबीसों तीर्थंकरों के चिन्ह ४९।
श्रीचौबीसो जिन चिन्ह चितार नमों में, बहु विनय सहित आठौ मदटार नमों मैं | टेक ॥ श्री ऋषभ नाथ के वृषभ अजित गज गाया, संभव के हय अभिनन्दन कपि बतलाया, सुमति के कोक पद्म प्रभु पद्म मुहाया, साथिया मुपार्श्व के लक्षण दर्शाया, चन्दू प्रभु के शशि हिरदय धार नोंमें । बहु विनय सहित आठो मद टार नमोमैं ॥ १ ॥ श्री पुष्पदन्त के मगर चिन्ह पद जानो, श्रीतल जिनके श्री वृक्ष चिन्ह पहिचानों, श्रेयान्स नाथ के पद गडा उर अानो श्री वास पूज्यपद लक्षण महिप बखानों. श्री विमल नाथ पद शूर विचार नमों मैं, बहु विनय सहित आगे मद टार नमो मैं ॥ १ ॥ सेई अनन्त जिनवर के लक्षण गाउं, धर्म के वजू मृग शांति चरण चितलाऊं अज कुन्थु नाथके अरह मत्स्य दरशाऊं, मल्लि के कुम्भ मुनि सुबूत कच्छ