________________
ठीक है भैया, तुमने सब उपाय तो कर लिये, मेरे कहने से एक बार उस मच्छ के पास तो हो आओ, वह जरूर ऐसा उपाय बतायेगा जिससे तुम अवश्य सुखी हो जाओगे ।
और वह मिरवारी पहुँच गया नदी के किनारे-मच्छ के पास...
सुना है, धन में सुख है, सम्पत्ति में सुख है, नामवरी में सुख है. पद प्राप्त करके सुखी बन जाऊंगा, बस लग गया उन्हें बटोरने में। सुख तो क्या मिलता इनमें, जितना जितना ये मिले, दुख बढ़ता रहा, आकुलता बढ़ती रही।
Collle
भैया क्षमा करना। क्या तुम भी मूर्ख नहीं हो, सुख सागर तुम्हारे अन्दर हिलोरें मार रहा है और मांग रहे हो मुझ से सुख ।
13
मन तो नहीं मानता । परन्तु आप कहते हो तो जाकर देखता हूँ वहाँ भी ।
भैया मुझे महात्माजी तुम्हारे पास भेजा है सुख को लेने के लिये
हँ
हाँ हाँ अभी देता 'सुख। परन्तु भैया मुझे बहुत जोरों की प्यास लगी है, जरा एक लोटा पानी तो लाकर पिला दो प्यास बुझ जायेगी, तब तुम्हें दूंगा सुख ।
अहा ! हा! हा ! तुम तो निरे मूर्ख हो पानी में रहते हो और कहते हो प्यासा हूँ।
227