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सूत्र १००५
तिर्यक्लोक : सूर्य-तेज को अवरुद्ध करने वाले पर्वत
गणितानुयोग
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सूरियस्स लेस्सा पडिघायगा पब्बया
सूर्य के तेज को अवरुद्ध करने वाले पर्वत५. ५०–ता कस्सि णं सूरियस्स लेस्सा पडिहया? आहिए ति ५. प्र०—सूर्य का तेज किससे अबरुद्ध होता है ? कहें ।
वएज्जा । उ०-तत्थ खलु इमाओ वीसं पडिवत्तीओ पण्णताओ, उ०—इस सम्बन्ध में ये बीस प्रतिपत्तियाँ (मान्यताएँ) कही तं जहा
गई हैं, यथातत्थेगे एवमाहंसु
इनमें से एक (मान्यता वालों) ने ऐसा कहा है१. ता मंदरंसि णं पव्वयंसि सूरियस्स लेस्सा पडिहया, (१) सूर्य का तेज "मन्दर" पर्वत से अवरुद्ध होता है । आहिए ति वएज्जा एगे एवमाहंसु, एगे पुण एवमाहंसु
एक (मान्यता वालों) ने फिर ऐसा कहा है२. ता मेरू सि णं पव्वयंसि सूरियस्स लेस्सा पडिहया, (२) सूर्य का तेज "मेरु" पर्वत से अवरुद्ध होता है। आहिए त्ति वएज्जा एगे एवमाहंसु, एगे पुण एवमाहंसु
एक (मान्यता वालों) ने फिर ऐसा कहा है३. ता मणोरमंसि णं पव्वर्यास सूरियस्स लेस्सा पडि- (३) सूर्य का तेज “मनोरम' पर्वत से अवरुद्ध होता है। हया, आहिए ति वएज्जा एगे एवमाहंसु, एगे पुण एवमाहंसु
एक (मान्यता वालों) ने फिर ऐसा कहा है४. ता सुदंसणंसि णं पव्वयंसि सूरियस्स लेस्सा पडिहया, (४) सूर्य का तेज "सुदर्शन" पर्वत से अवरुद्ध होता है । आहिए त्ति वएज्जा एगे एवमाहंसु, एगे पुण एवमाहंसु
एक (मान्यता वालों) ने फिर ऐसा कहा है५. ता सयपहंसि णं पव्वयंसि सूरियस्स लेस्सा पडिहया, (५) सूर्य का तेज "स्वयम्प्रभ" पर्वत से अवरुद्ध होता है । आहिए त्ति वएज्जा, एगे एवमाहंसु, एगे पुण एवमाहंसु
एक (मान्यता वालों) ने फिर ऐसा कहा है६. ता गिरिरायंसि णं पब्वयंसि सूरियस्स लेस्सा पडि- (६) सूर्य का तेज "गिरिराज' पर्वत से अवरुद्ध होता है। हया, आहिए ति वएज्जा, एगे एवमाहंसु, एगे पुण एवमाहंसु
एक (मान्यता वालों) ने फिर ऐसा कहा है७. ता रयणुच्चयंसि पन्वयंसि सूरियस्स लेस्सा पडिहया (७) सूर्य का तेज "रत्नोच्चय" पर्वत से अवरुद्ध होता है। आहिए ति वएज्जा, एगे एवमासु, एगे पुण एवमाहंसु
एक (मान्यता वालों) ने फिर ऐसा कहा है८. ता सिलुच्चयंसि णं पन्वयंसि सूरियस्स लेस्सा पडि- (८) सूर्य का तेज "शिलोच्चय" पर्वत से अवरुद्ध होता है। हया, आहिए त्ति वएज्जा, एगे एवमाहंसु, एगे पुण एवमाहंसु
एक (मान्यता वालों) ने फिर ऐसा कहा है६. ता लोयमझंसि णं पव्वयंसि सूरियस्स लेस्सा पडि- (६) सूर्य का तेज "लोक-मध्य" पर्वत से अवरुद्ध होता है। हया. आहिए त्ति वएज्जा, एगे एवमाहंसु, एगे पुण एवमाहंसु
एक (मान्यता वालों) ने फिर ऐसा कहा है१०. ता लोगनाभिसि णं पब्वयंसि सूरियस्स लेस्सा (१०) सूर्य का तेज "लोक-नाभि" पर्वत से अवरुद्ध पडिहया, आहिए त्ति वएज्जा, एगे एवमाहंसु, होता है। एगे पुण एवमाहंसु
एक (मान्यता वालों) ने फिर ऐसा कहा है११. ता अच्छंसि णं पव्वयंसि सूरियस्स लेस्सा पडि... (११) सूर्य का तेज "अच्छ” पर्वत से अवरुद्ध होता हैं । हया आहिए त्ति वएज्जा, एगे एवमाहंसु,