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६४० . लोक-प्रज्ञप्ति
तिर्यक्लोक : नक्षत्रों का चन्द्रों के साथ योगकाल
सूत्र ११२२
णक्खत्ताणं चंदेण जोगकालं
नक्षत्रों का चन्द्रों के साथ योगकाल१२२.५०-ता कहं मुहूत्ता य? आहिए त्ति वएज्जा। १२२. (नक्षत्रों का चन्द्र के साथ योग) कितने मुहूर्त रहता है ?
कहेंउ०—ता एएसि गं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं ।
उ०—(क) इन अठावीस नक्षत्रों में कुछ नक्षत्र हैं । (क) अत्थि णक्खतं जे णं णव मुहत्ते सत्तावीसं च सत्तट्टि जो नौ मुहूर्त और एक मुहूर्त के सड़सठ भागों में से सत्तावीस
भाए मुहुत्तस्स चंदेण सद्धि जोयं जोएइ । भाग जितने समय तक चन्द्र के साथ योग करते हैं । (ख) अस्थि णक्खत्ता जे णं पण्णरस मुहत्ते चंदेण सद्धि जोयं (ख) कुछ नक्षत्र हैं जो पन्द्रह मुहूर्त पर्यन्त चन्द्र के साथ जोएंति ।
योग करते हैं। (ग) अस्थि णक्खत्ता जे णं तीसं मुहत्ते चंदेण सद्धि जोयं (ग) कुछ नक्षत्र हैं जो तीस मुहूर्त पर्यन्त चन्द्र के साथ योग जोएंति।
करते हैं। (घ) अत्थि णक्खत्ता जे णं पणयालीसे मुहुत्ते चंदेण सद्धि (घ) कुछ नक्षत्र हैं जो पैंतालीस मुहूर्त पर्यन्त चन्द्र के साथ जोयं जोएंति।
योग करते हैं । प०–ता एएसि णं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं?
प्र०—(क) इन अठावीस नक्षत्रों में(क) कयरे णक्खत्ते जे णं णव मुहुत्ते सत्तावीसं च सत्तट्ठिभाए कितने नक्षत्र हैं जो नौ मुहूतं और एक मुहूर्त के सड़सठ मुहुत्तस्स चंदेण सद्धि जोयं जोए ति?
भागों में से सतावीस भाग जितने समय तक चन्द्र के साथ योग
करते हैं? (ख) कयरे णक्खत्ता जे णं पण्णरस मुहुत्ते चंदेण सद्धि जोय (ख) कितने नक्षत्र हैं जो पन्द्रह मुहूर्त चन्द्र के साथ योग जोएंति ?
करते हैं ? (ग) कयरे णक्खत्ता जे ण तीसं मुहुत्ते चंदेण सद्धि जोयं (ग) कितने नक्षत्र हैं जो तीस मुहूर्त चन्द्र के साथ योग जोएंति ?
करते हैं ? (घ) कयरे णक्खत्ता जे गं पणयालीसं मुहुत्ते चंदेण सद्धिं (घ) कितने नक्षत्र हैं जो पैतालीस मुहूर्त चन्द्र के साथ योग ___जोयं जोएंति ?
करते हैं? उ०—(क) ता एएसि गं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं, तत्थ जे उ०-(क) इन अठाइस नक्षत्रों में जो नक्षत्र नौ मुहूर्त
ते गक्खत्ते, जे णं णव मुहुत्ते सत्ताबीसं च सत्तविभाए और एक मुहूर्त के सड़सठ भागों में से सत्तावीस भाग जितने
मुहुत्तस्स चंदेण सद्धि जोयं जोएंति, से णं एगे, अभीया। समय तक चन्द्र के साथ योग करता है, वह एक अभिजित् हैं । (ख) ता एएसि णं अट्ठावीसाए णक्वत्ता गं तत्थ जे ते (ख) इन अठाईस नक्षत्रों में जो नक्षत्र पन्द्रह मुहूर्त पर्यन्त
णक्खता, जे णं मुहुत्ते चंदेण सद्धि जोयं जोएंति, ते चन्द्र के साथ योग करते हैं, वे छ हैं, यथा-(१) शतभिषक्, णं छ तं जहा–१. सतमिसया, २. भरणी, ३. अद्दा, (२) भरणी, (३) आर्द्रा, (४) अश्लेषा, (५) स्वाती, ४. अस्सेसा, ५. साति, ६. जेट्ठा ।
(६) ज्येष्ठा । (ग) ता एएसि णं अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं,
(ग) इन अठाईस नक्षत्रों मेंतत्थ जे ते णक्खत्ता, जे णं तीसं महत्तं चंदेण सद्धि जो नक्षत्र तीस मुहूर्त पर्यन्त चन्द्र के साथ योग करते हैं वे जोयं जोएंति, ते गं पण्णरस तं जहा
पन्द्रह हैं, यथा१. सवणो, २. धणिट्ठा, ३. पुढवा भद्दवया, ४. रेवई, (१) श्रवण, (२) धनिष्ठा, (३) पूर्वाभाद्रपद, (४) रेवती,
-सम. स.६ सु. ५
१ (क) अभीजि णक्खत्ते साइरेगे णव महत्ते चंदेण सद्धि जोग जोएइ ।
(ख) ठाणं अ. ६, सु. ६६६ । २ ठाण ६, सु.५१५ ।