Book Title: Epigraphia Indica Vol 13
Author(s): Sten Konow, F W Thomas
Publisher: Archaeological Survey of India

Previous | Next

Page 314
________________ 268 EPIGRAPHIA INDICA. [Vor. XIII. 80 ोपरागे सति । श्रीमान् शिंग्गयनायकः परहिताचार्याय पुण्यात्मने प्रा दादकल81 डिनाममहितं प्रामं समग्रं गुणैः । ५३ । 'मुंमडिशिंम्गवराख्यं विंशत्यंश वि. Third Plate ; Second Side. 82 धाय तं ग्रामं । परहितनामाचार्य: प्रादादधैं द्विजातिभ्यः । ५४ । 'यज्ञेश्वरार्य[:*] स्थिर83 धीरानशिंग्गहिजोत्तमः । मारप्पनार्यो मतिमानते तुख्यगुणत्रियः । ५५ । 'यजुर्वेदविद84 प्रख्यो भारहाजकुलोद्भवाः । याजुषः पहिभडाख्यो विद्वान् गौतमगोत्रजः । ५५ । 'श्रीवत्म85 गोत्रक्षीरोदचंद्रो यषि कोविदः । प्रोलयार्य सुतो धीमान् सर्वदेवहिजोत्तमः ।५७ । दासु. 88 लंनमविणेंद्रः कौडिन्यो' यजुषि स्थिरः । 'चेलिपेहिवृसिंध :"] श्रीवत्सगोचो "यजुशतः । ५८ । का 87 श्यपगोपविभूषा यजुषि च सांगे चतुर्मुखख्याति: । पुलुपाकवृहरिरवनो विधिवदनुष्ठाननिष्ठ88 या युक्तः । ५८ । 'चिटिसोमयभा- हारीतो याशुषो बुधः । गंग्ग प्रोलयविरेंद्रो हारी89 तो याजुषाग्रणीः । । । 'प्रामाईस्यास्य भागानां दशसंख्यामुपेयुषां । बताः पर90 हितार्येण ते विप्रास्ममभामिनः । ११ । प्रतीचा गौतमो सोमा प्रवाहा विधिसम91 ता । वायव्यसीमा गौतम्यासटे साकोटगुल्मगा । १२ । "सैशान्योभिमुखी गत्वा साकोसं "नाकुमारीता 92 (6)। ततोश्वध्वं समासाद्य पवाविंशकमाययौ।।। तस्माद्यांत्ती सशाकोट वल्मीकं प्राप्य सा सतः । ! Metre : Arya. Metre: Anushtubh. IMetre: Anushtubh. • Read कोडिन्धी. • Read स्थिर: • Bend सिंहस्थी. T Read यजुभियत: • Metre : Giti. Metro: Anushtubh; this verse in preceded by two floral dovices and a vertical stroko. 10 Read off . [The text may be oxplained as it is without any emendation e raf being taken as an adverb meaning "right up to the hall fi.e. middle of the riyor."-H. K. S.) ॥ Metre : Anushtubh; rend न्याभि. H Road बिता. # Road tai.

Loading...

Page Navigation
1 ... 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430