Book Title: Digambar Jain 1924 Varsh 17 Ank 05
Author(s): Mulchand Kisandas Kapadia
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 7
________________ दिगम्बर जैन | अंक 4 ] तैयार की जाय जिसके लिये बा० शिवचरन लालजी जसवंतनगरकी मंत्रीपद पर नियुक्ति, (१) सभाका प्रचार करनेके लिये डेप्यूटेशनकी नियुक्ति, (६) दशलक्षण पर्व में सं० प्र० • सरकारी कार्यालयोंमें जैन कर्मचारियोंको १० बजे से १ बजेतक छुट्टी दीनाय तथा चैत्र सुद १२ (महावीर जयंती को सरकारी कार्यालय बंद रक्खे जांय, (७) हतांतके प्राचीन मंदिरजीसे प्रतिमाएं उठा ली गई हैं वहांका विशाल मंदिर अपने कब्जे में रखकर प्रतिमाओंके विवरणका पत्थर वहां लगवाया जाय, (८) कन्याविक्रय रोकनेका पूर्ण उद्योग किया जाय, (९) लखन उमें जैन छात्रालय बनाने के उद्योगके लिये कमेटी की नियुक्ति, (१०) हरएक मंदिर में शास्त्रसभा नित्य हो, (११) वर्तमान बिगडी हुई पद्धतिके जैन नाटक बन्द हों, (१२) बोलपुरके शांतिनिकेतन में जैनधर्मकी शिक्षा के लिये एक जैन विद्वानकी नियुक्ति की आवश्यक्ता (१३) जन जनसंख्याकी घटीके कारणोंपर विचार करने के लिये कमेटीकी नियुक्ति, (१४) हिंदू विश्वविद्यालय- काशी में जैन ग्रन्थों का पठनक्रम संतोषपद है या नहीं उसकी जांचके लिये कमेटीकी नियुक्ति, (१५) पेंड में जैन मूर्तिको जखयादेव मानकर वहां चली हिंसा होती है इसके रोकने के लिये कमेटोकी नियुक्ति, (१६) ला• देवीसह यमी, बार चंपतरायनी, बा० अनितप्रसादनी, का० रूपचंदनी, ब० सीतलप्रसादनीको धर्म व जाति-सेवा के लिये धन्यवाद, (१७) चैत्र सु० १ सोनागिर उपसर्ग निवारण दिन माना जाय । (१८) ला० [ जम्बूप्रसादजीके स्मारकका १ लाख रु० तीर्थरक्षा फंडके लिये एकत्रित करनेके लिये डेप्यूटेशनकी नियुक्ति, व बंगाल, सं० प्रांत, राजपूताना, मध्य प्रांत व बम्बई प्रांतसे वीस २ हजार रु इकट्ठे करने का ठहराव (१९) नवीन प्रबंध कमेटीका चुनाव | घोर हिंसा बचानेका उद्योग-सुरादाबादके पास काशीपुर में बालसुंदरी देवीपर गत नौरात्रिपर जीवदया प्र० सभा (आगरा) के मंत्री पं० बाबूरामजीके उद्योगसे एक भी जीवकी हिंसा नहीं हुई है । अब यहां चैत्र सुदी २ से फिर वार्षिक मेला भर रहा है जिस समय १५०० पाडे बकरे की धर्म के दान मे क्रूरता से हिंसा होती है उसको बंद कराने के लिये डेप्यूटेशन लेकर बाबूराम जी गये हुए हैं । होसुर - (बेलगाम) में चैत्र सुदी ९ से १९ तक पंचकल्याणकोत्सव तथा रत्नत्रय संवर्धक सभाका नैमित्तिक अधिवेशन होगा | केशलोंच व क्षुल्लक - बाहुबली पहाड (दक्षिण) पर मुनि श्री शांतिसागरनी (दक्षिण) ने फाल्गुन मासमें केशलोंच किया था तब मुनिश्रीके उपदेश से नवीन ब्रह्मचारी खुशाल - चंदनो (नांदगांववाले) ने क्षुल्लक पदवी धारण करली है । राजगिर - में श्वेतांवरियोंने नया झगडा उपस्थित करके हमारेवर दीवानी दावा दायर किया है । शिखरराज- का जो प्रथम पट्टा बिहारके ले० गवर्नर फ्रेझरसाहब दि० जैनोंको दे गये ये व हमने ९००००) डिपोशीट रखे थे बह

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