Book Title: Descriptive Catalogue Of Manuscripts Vol 19
Author(s): Hiralal Rasikdas Kapadia
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute
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244.] The Svetämbara Narratives
1337 commentary ; the latter composed in Samvat 1482%; corre.
cted by Manikyasundara Suri ; its extent 5300 slokas. Age.- Not modern. Author of the commentary.- Dharmasekhara Suri, pupil of Jaya..
sekhara Suri (the author of Kumarasambhava). Subject.- The text along with its elucidation. Begins- (text) fol. 10
अस्त्युत्तरस्यां दिशि कोशलेति etc. as in No. 241. । ... , - ( com.) fol. 10 ध्यात्वा श्रीशारदा देवी नत्वा श्रीसद्गुरूनपि।
10 कुमारसंभवस्येयं विवृतिलिख्यते मया ॥ १॥ etc.. Ends.- (text ) fol. 69* __.. जगद्भर्वाचा etc. as in No. 241.
The 71th verse is not there. F-( com.) fol. 69° समधिगतामपि प्रापितामपि ।। छ ॥ ७० ॥
इति भी अंचल'गग्छे कविचक्रवर्तिभीजयशेखरसूरिविरचितमीजैनकुमारसंभववस्य सन्ष्यिश्रीधर्मशेखरसरिकतायां टीकायां श्रीमाणिक्यसंदरसूरिशोधितायां एकादशसर्गव्याख्या ॥ छ । ग्रंथानं ॥ एवं सर्वग्रंथश्लोक ५३००॥ सुरासुरनराधीशसेव्यमानपदांबुजः।
20 नाभिराजागजो नित्यं श्रीयुगादिजिनो मुने ॥१॥ श्रीम'दंचलं गच्छे जयशेखरसूरयः । चत्वारास्तेमहाग्रंथाः कशिविनिर्मिताः॥२॥ प्रबोधचोपदेशश्च चितामणिकृतोत्तरो।'. कुमारसंभवं काव्यं चरित्रं धमि(म्मिलस्य च ॥३॥ तेषां गुरूणां गुणबंधुगणां
शिष्येण धम्मोत्तरशेखरेण . . श्रीजैनकौमारकसंभवीयं : ___खाय बोधाय तेति टीका ॥४॥ देशे 'सपादलक्ष सुखलक्ष्ये पयरे पुरप्रवरे।
नयनवमुवादिचंद्रे १४८२ वर्षे हर्षेण निम्मिता सेयं ॥५॥ 1 प्रबोधचिन्तामाणि * उपदेशचिन्तामाण,
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