Book Title: Descriptive Catalogue Of Manuscripts Vol 19
Author(s): Hiralal Rasikdas Kapadia
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute

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Page 411
________________ 376 Jaina Literature and Philosophy [272. - fol. 13" इत्याचार्यश्रीहेमचंद्रविरचिते त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरिते महाकाव्वे . दशमपर्वणि श्रेणिकस्य सम्यक्त्वलाम मेघकुमारनांदिषणप्रवद्या( ज्या). वर्णिनो नाम षष्ठः सर्गः॥ Ends.- fol. 350 श्रीवीरस्वामिनो धर्मदेशनामस्तोपमां आचम्याचम्य स सुधीरात्मानं पर्यपालयन्(द) ३६ चतुर्युताशीतिसहस्रवर्षी रत्नप्रभाया नियतं नयिन्या भीश्रेणिका क्षायिकदर्शनानु भावेन भावी किल तीर्थनाथः ८३७ इत्याचार्यश्रीहेमचंद्रविरचिते त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरिते महाकाव्ये दशमपर्वणि श्रेणिककूणिकपरलोकगमनवर्णनो नाम सप्तमः सर्गः समाप्तं श्रेणिकचरित्रं । संवत् १८७६ वर्षे मिती वैशाष वद ५ पंचमीतियो लिषतां भी वृहत्परतर'गच्छे श्रीजिनकुशलमरशाषायां क्षेमकीर्त(ति)संता. नीयोपाध्यायश्रीराजसोमजीगाणि तसिष्यपंप्रीतत्ववल्लभजी मुनि तत्सिष्य वा श्रीप्रीतविलास गाण तत्सिव्य पं प्र श्रीधर्मसुंदरजी मुनि तसिष्यपंअभीअमृतसुमुद्रजी मुनि तत्मात्रपंप्रश्रीलाभसमुद्रजी मुनि शिष्य पं बालचंद लिषतां गुरुप्रसादेन ॥ ... N. B.- For other details see No. 270. २० वशार्णभद्रराजर्षिरास Dasārņabhadrarājarşīrāsa . 1483.. No. 13 1887-91. Size.- Iod in. by 4g in. Extent.- s folios ; 14 lines to a page ; 32 letters to a line. Description.- Country paper tough and white; Devanagari chara cters; bold, big, legible and tolerably good hand-writing ; borders ruled in two lines and edges in one in red ink; red chalk and yellow pigment used ; numbers for foll. entered twice as usual; fol. !" blank; complete ; composed in Samvar 1757 in Medata ; condition very good.

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