Book Title: Descriptive Catalogue Of Manuscripts Vol 19
Author(s): Hiralal Rasikdas Kapadia
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute

Previous | Next

Page 420
________________ 78.] The Svet imbara Narrasives 385 v.s. 1747 धर्ममञ्जूषा . पश्चतीर्थस्तुति सटीक पश्चाख्यान प्रश्नसुंदरी ब्रह्मबोध भक्तामरस्तोत्रटीका भविष्यदत्तकथा Not earlier than V. S. 17,0 मातृकाप्रसाद मेघदूतसमस्या लेम्ब. Not earlier than V. S. 1727 रमलशास्त्र তমিটিহাতাহানি वर्षपत्रोध = मेघमहोदय Not earlier than v. S. 1732 विजयदेवमाहात्म्यविवरण ___Latest V. S. 1709 बीसायन्प्रविधि शान्तिनाथचरित्र = नैषधीयसमस्या Not earlier than V.S.101015 सप्तसन्धानमहाकाव्य V.S. 1760 हस्तसञ्जीवन = सिद्धज्ञान हस्तसजवनटीका हैमशब्दचन्द्रिका हमशब्दप्रक्रिया Over and above these works he has composed some works in Gujarati. Subject. — This is a mahākāvya consisting of 13 cantos with 'उदयश्रा' as the sanketa. This poem narrates the life of Vijayaprabha Súri. Begins —fol. 1 है ऐ ही श्री क्ली आई श्री स्वेश्व।पार्श्वपरमेश्वराय जगदेक वीराय नमः ॥ ॥ म्वस्ति श्रीसुरासुरक्षितिभृतां वालुभ्यमभ्यस्यति सत्पादांबुजसेवनापरिचयादुन्नीतपीतयुतिः तारुण्यातिशये जगत्त्रयजयं रूपेण लध्या स्वयं . कारुण्याद् भगवान् स नाभितनयः पुष्णातु पुण्योदयं १ etc. - fol.' इति श्रीदिग्विजयनानि महाकाव्ये महोपाध्यायधीमेघविजयगणि विरचिते 'जंबद्वारावर्णनो नाम प्रथमः सर्गः १ - fol. 6° इति श्री. विरचिते श्रीभरतवर्णनो नाम द्वितीयः सर्गः २ .. 9 1J. L. P.I 20

Loading...

Page Navigation
1 ... 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480