Book Title: Descriptive Catalogue Of Manuscripts Vol 19
Author(s): Hiralal Rasikdas Kapadia
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute

Previous | Next

Page 371
________________ 336 Jaina Literature and Philosophy [21. Author.-- Dhanapala, an elder brother of Sobhana Muni. For details about him see“ A History of the Sanskrit Literature of the Jainas" ( Vol. I, pp. 109-III, IIS, 128, 199 & 270). s Subject. - A narrative of King Meghavāhana along with the ___life of Lord Rsabha. Begins.- fol. 1 || ६०॥ ने नमः सर्वज्ञाय ॥ सपः पातु जिनः कृत्स्नमीक्षते यः प्रतिक्षणं । रूपेरनतेरेकैकतोयप्तिं जगत्रय ॥ १॥ प्राज्यप्रभावः प्रभवो धर्मस्यास्तरजस्तमाः । ददतां निस्तामान आयो(5)न्ये (5)पि मुदं जिनाः ॥२॥ etc. Ends.-- fol. 180° दिशि दिशि व्यमचारिणमणिनिमाननिवहेन विचरतः पृथिव्या. मदिनमुपचियमानपौरु(प)प्रतापकीर्तेरावस्कंदपरमा वृद्धिमानंद इति । बष्टडीठि 15 गोत्रावाप्तप्रतिष्ठेऽस्मिन मशाखे पर्वशालिनि । भादः 'श्रीमालशेऽमल्लक्ष्मणे नरमौक्तिकं ॥१॥ पद्रिकेवाभवद् यस्य निर्मलाशयशालिनी । '...सवर्णवृत्तभावायवल्लमा लीलां ॥२॥ समजनिषत वीसलभोलिगजसडधवलवीरनार। मानः अप्ययस्य पंच नंदनवरा कस्मात भरतरुश्रीकाः ॥३॥ भीचकेश्वरगणधरपदमूले संघवसतिकायां यः । ग्रहिधर्म सकुदंबोऽग्रहीन वसन् पेटलापे(प)द्र(दे) ॥ ४॥ . तापुत्रो धवल श्रेष्ठी यशोधवलपुत्रिकां । रुक्मिणी समुपायंस्त लक्ष्मीकुक्षिसमुद्भवां ॥५॥ गु(अ)द्वच-सरोहंसी रुक्मिणी गुरुदेशनां । श्रुत्वा संजातसंवेगा सती सीमंतमंदनं ॥ ६ ॥ निजतनयो विनयपरीषथ त्रिभुवनपालवकुस । पृष्ठा जगृहे पुस्तकमामश्रिोऽर्थ तिलकमंजर्याः ॥ ७॥ भथ तिलकमंजरिमिमां शिष्टा भवणवतमता नेतुं । श्री सुमतिसिंहगणधरसुगुरुणमर्पयामास ॥ ८॥ 20 - 1 Somo lettore soon to be missing in the Ms.

Loading...

Page Navigation
1 ... 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480