Book Title: Chintan ki Manobhumi
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 528
________________ राष्ट्रीय जागरण ५०७ आते हैं, परन्तु ये क्षण एवं प्रसंग स्थायी नहीं होते। भारत में वह समय आएगा ही, जब राष्ट्रीय चेतना का शंखनाद गूँजेगा, व्यक्ति-व्यक्ति के भीतर राष्ट्र का गौरव जगेगा, राष्ट्रीय स्वाभिमान प्रदीप्त होगा और यह राष्ट्र जिस प्रकार अपने अतीत में गौरवगरिमा से मंडित रहा है, उसी प्रकार अपने भविष्य को भी गौरवोज्ज्वल बनाएगा । किन्तु यह तभी सम्भव है, जब आपके अन्तर में अखण्ड राष्ट्रीय चेतना जाग्रत होगी, कर्त्तव्य की हुँकार उठेगी, परस्पर सहयोग एवं सद्भाव की ज्योति प्रकाशमान होगी । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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