Book Title: Chaitanya Yatra Part 3
Author(s): Bhanuvijay
Publisher: Satshrut Abhyas Vartul

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Page 6
________________ “પૂ. ગુરુજી ભાનુવિજયજી મહારાજના હસ્તાક્ષરો” कार्मिक सुंद१५ महेन्द्र भाइ भी भावु पालि ताना लवी छे जो वाय मा २०वी करतो जीवे प्रकारे साधना अशुभ नो म ! स्वरूपमा अने 4 पण कारणे कम ना विजयना उभो Jain Education International वाम निर्णय तत्व निर्णय कर्यो नयी हो का धर्मलाभ टपाल अहिली तमे त्यां अने लक्ष्य तलविचारमा अने र्थो साधना करी પર ાર रहयो न् य तो सभ्य क प्रकारे निर्णय कर्या સાધુ ના + मा अटके निर्णचं सम्यक स्वानुभव साधना स्वानु भव भी रही जाम ५ મે 1614ज અ ટોર कर्या प्रकारे नकी * न < शनिवार છે थ सम्यक् अने ત્યારે करी शुभ 41 तल निर्ण क्यों अने के 31 ન મયો व नही शुभ r 24 साधू २१. For Private & Personal Use Only ო www.jainelibrary.org

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