Book Title: Buddhinidhan Abhaykumar Diwakar Chitrakatha 006 Author(s): Ganeshmuni, Shreechand Surana Publisher: Diwakar PrakashanPage 12
________________ बुद्धि निधान अभय कुमार ग्रामवासियों का उत्तर सुनकर श्रेणिक को विश्वास होने लगा कि कोई विलक्षण बुद्धि व्यक्ति इनके ग्राम में आ गया है और उसकी योजनाएँ विफल कर रहा है। प्रकट में बोला OXOOOO 100 स् Am Jain Education International खैर, बालू की रस्सी की हम व्यवस्था कर लेंगे। अभी आप जाइये फिर कभी कोई जरूरत होगी तो आपको बुलवा लेंगे। (नन्दीग्राम के मुखिया और ग्रामवासी तो मोटी बुद्धि वाले हैं। कौन ऐसी क विलक्षण बुद्धि वाला है जो इन्हें पट्टी पढ़ा रहा है? AAAAD Gay DOP इधर गाँव वालों ने लौटकर अभय कुमार को बतलाया महाराज ने हार मान ली। अब कोई आदेश नहीं दिया। MA उसने अपने गुप्तचरों को बुलाकर आदेश दिया तुम लोग नन्दीग्राम जाओ। पता लगाओ कि ऐसी विलक्षण बुद्धि वाला कौन नया व्यक्ति गाँव में आया है। 00000 Dee Colle AAA महाराज ने हार नहीं मानी। ऐसा लगता है कि अब वह नये ढंग से चाल चलेंगे। 10 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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