Book Title: Buddhinidhan Abhaykumar Diwakar Chitrakatha 006 Author(s): Ganeshmuni, Shreechand Surana Publisher: Diwakar PrakashanPage 13
________________ बुद्धि निधान अभय कुमार अगले दिन छ:-सात गुप्तचर ग्रामीण वेशभूषा बनाकर नन्दीग्राम जा पहुंचे। चतुर अभय कुमार ने इन्हें गाँव में | देखा तो वह चौंक गया। माता-MAT NM WWyWM AAREERUTA अरे ! इनको तो गाँव में पहली बार देखा है, और यह ग्रामीण भी नहीं) RAM लगते हैं। अवश्य ही राजा AA श्रेणिक के आदमी होंगे। अभयकुमार पास के जामुन के पेड़ पर चढ़ गया। वे लोग भी उसी पेड़ के नीचे आ बैठे। अभय कुमार ने उनकी बातें सुनी तो उसे विश्वास हो गया कि ये राजा के गुप्तचर ही हैं। वह बोला इस प्रश्न का रहस्यार्थ गुप्तचर नहीं समझ सके। किन्तु वे बोले CTATO राहगीरो ! जामुन खाओगे? Wila हाँ भाई, अगर खिलाओगे तो अवश्य खायेंगे। ALE गरम खाओगे या ठण्डे? गरम ही खायेंगे भाई। Main Education International For Private Personal Use Only www.janelibrary.orgPage Navigation
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