Book Title: Buddhinidhan Abhaykumar Diwakar Chitrakatha 006 Author(s): Ganeshmuni, Shreechand Surana Publisher: Diwakar PrakashanPage 20
________________ महाराज मांसाहार सबके लिये सस्ता है, सुलभ है। एक बाण से हिरण आदि का शिकार किया कि पूरे परिवार का पेट भर जाता है। बुद्धि निधान अभय कुमार "मुझे इसी समय महासामन्त से मिलना है, उन्हें जगाकर मेरे आने की खबर करो।" चेहरे पर उदासी लाते हुए अभयकुमार बोला Jain Education International लगभग १५ दिन बाद अभयकुमार आधी रात के समय रथ में बैठकर एक सामन्त के द्वार पर पहुँचा। द्वारपाल से कहा 200000000 COCO | सामन्तों के तर्क-वितर्क सुनकर राजा श्रेणिक ने मंत्री अभय कुमार की तरफ देखा bat क्यों अभय ! आपका क्या विचार है ? DMAA महाराज ! मैं इस विषय में पूरी जानकारी करके फिर आपको उत्तर दे सकूँगा ? त 18 For Private & Personal Use Only exogamear महामंत्री अभय के आने की सूचना पाते ही सामन्त हड़बड़ाकर उठा। महामात्य ! अभी इस समय आप ? 2204273 22222222 Cel अचानक ही महाराज किसी गंभीर रोग से ग्रस्त हो गये हैं। राज वैद्य का कहना है-किसी मनुष्य के हृदय का दो तोला ताजा मांस चाहिये। महाराज की जीवन रक्षा के लिए आपको इतना सा कष्ट करना पड़ेगा, बदले में आप चाहें तो एक लाख स्वर्ण मुद्रायें ले सकते हैं? www.jainelibrary.orgPage Navigation
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