Book Title: Buddhinidhan Abhaykumar Diwakar Chitrakatha 006 Author(s): Ganeshmuni, Shreechand Surana Publisher: Diwakar PrakashanPage 19
________________ दो तोला मांस बुद्धि निधान अभय कुमार एक बार राजा श्रेणिक ने विचार किया कि पूरे मगध देश में मांसाहार पर प्रतिबन्ध लगाना चाहिए। अपने सभासदों का विचार जानने के लिए श्रेणिक ने एक प्रश्न किया। Ima500 RAVAD मनुष्य के लिए सस्ता, सुलभ और आरोग्यदायी भोजन कौन-सा है? शाहकारी सामन्तों ने कहा महाराज ! अन्न, फल आदि का भोजन आरोग्यदायी होने के साथ ही सस्ता और सबको सुलभ भी है। हाँ, महाराज, इनसे मनुष्य के विचार भी सात्त्विक रहते हैं। aoooo0OROTH TITION किन्तु मांसाहारी सामन्तों ने भिन्न मत व्यक्त किया। महाराज ! अन्न और फल कहाँ सस्ता है, और ना ही सबको सुलभ है। अन्न उपजाने के लिए किसान को कितना कठोर परिश्रम करना पड़ता है? हाँ, महाराज, फिर खेती बाड़ी तो पूर्णतः प्रकृति और भाग्य के - अधीन है, कितने जोखिम उठाने पड़ते हैं किसान को। Jain Education International For Private 17 sonal Use Only orwww.jainelibrary.orgPage Navigation
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