Book Title: Buddhinidhan Abhaykumar Diwakar Chitrakatha 006 Author(s): Ganeshmuni, Shreechand Surana Publisher: Diwakar PrakashanPage 18
________________ बुद्धि निधान अभय कुमार अभय के शब्द सुनते ही श्रेणिक अतीत में खो गये। उन्हें नन्दा से कही हुई पुरानी बातें याद आ गईं। ROO millionarओह! यह शब्द तो मैंने वेणा तट में अपनी पत्नी नन्दा से MON कहे थे। यह अवश्य ही CHASRADEDIO नन्दा का पुत्र हैं। teace उसने एकदम भाव विखल हो अभय को सीने से लगा लिया। ppliltoes YOGYE तुम मेरे पुत्र हो। कहाँ है मेरी पत्नी नन्दा? पिताश्री ! माँ पड़ोस 55मके नन्दीग्राम में है। scope KMAA PwDEO श्रेणिक अभय कुमार को लेकर बड़ी धूम-धाम से नन्दीग्राम पहुंचे और नन्दा को सम्मानपूर्वक अपने महल में ले आये। अब तुम दोनों सुखपूर्वक मेरे पास रहो। श्रेणिक ने अभय का विवाह अपनी बहन सुसेणा की पुत्री मल्लिका के साथ कर दिया और अभय को राजगृह का प्रधानमंत्री बना दिया। समाप्त in Education international For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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