Book Title: Buddhinidhan Abhaykumar Diwakar Chitrakatha 006 Author(s): Ganeshmuni, Shreechand Surana Publisher: Diwakar PrakashanPage 14
________________ बुद्धि निधान अभय कुमार अभय ने पके हुए जामुन तोड़े, हाथ से कुछ मसले और नीचे फेंक दिये। जामुनों से धूल चिपक गई। गुप्तचर फूँक से धूल उड़ाकर जामुन खाने लगे। अभय व्यंग से बोला यदि जामुन अधिक गरम हों, फूँक से ठण्डे नहीं हो रहे हों तो पानी से धोकर खालो। गुप्तचरों ने ग्रामवासियों से सभी बातों का पता लगाया। अभयं के बारे में विशेष जानकारी ली और राजगृह लौटकर श्रेणिक को पूरी घटना सुना दी। महाराज ! अभय नाम का चतुर किशोर लगभग एक माह पहले नन्दीग्राम में आया है। उसी ने आपकी सभी योजनाएँ विफल की हैं। वह बड़ा ही बुद्धिमान और चतुर लड़का है। श्रेणिक के मन में अभय से मिलने की उत्सुकता जाग गई। मेरी युक्तियों को काटने वाला सचमुच मुझसे भी ज्यादा बुद्धिमान होगा। इस बालक से मिलना चाहिए। Jain Education International 100000602 गुप्तचर अभय का व्यंग समझ गये और साथ ही यह भी समझ गये कि यही वह चालाक छोकरा लगता है जो गाँव वालों को उल्टी पट्टी पढ़ाता है। 12 For Private & Personal Use Only wwe DEG B2 इसको राजगृह में बुलाने के लिए कोई युक्ति करता हूँ। AA ALA TALA www.fainelibrary.orgPage Navigation
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