Book Title: Bruhad Dharana Yantra
Author(s): Darshanvijay
Publisher: Charitra Smarak Granthmala
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श्रीबृहद् धारणायंत्र।
ना
| वेष
12 : 2.4
मध्यम
. ..
साधक अक्षर-ख-१० (खो, खौ, १-पाद ७-११-२३ भवेधः ७) नं. साध्यजिनः । तारा ! योनिः । वर्ग | विशोपकः । गणः । राशी । नाड़ी
स्वकीयं ४ वानर क लभ्यं देव | मकर | अंत्य विकध्धं , मेष प
राक्षस ! सिंह अंत्यवेध ऋषभदेव
अशुभ | भवेष अजितनाथ
शुभ संभवनाथ
प्रीति अभिनंदन
प्रीति सुमतिनाथ । अशुभ
शत्तु वेध पद्मप्रभु सुपार्श्वनाथ
श्रेष्ठतर वेध चंद्रप्रभु अशुभ
शुभ सुविधिनाय अशुभ
भशुभ शीतलनाथ श्रेयांसनाथ ।
स्वराशिः एकम वासुपूज्य अशुभ विमझनाथ । भशुभ
शुभ अनंतनाथ १५ । धर्मनाथ अशुभ
शांतिनाथ अशुभ कुंथुनाथ भरनाथ
वेध मल्लिनाथ | अशुभ मुनिसुव्रत ।
स्वराशिः, । नमिनाथ अशुभ
श्रेष्ठ नेमनाथ
| मध्यम पार्श्वनाथ
। श्रेष्ठतर वेध वर्धमान
। १ मध्यम महावीर राशिः पतिः एकनाथ वर्णः
वश्यं
नक्षत्र | युजी मकर शनि कुंभ । वैश्य कर्क: मीन श्रवण । पश्चिम
*ख खा योनि-नकुल, स्वा-११-२०, मैत्री-१०, वैर सपे-१५-१७ ।
श्रेष्ठ
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१८
एकभं
मध्यम
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