Book Title: Bruhad Dharana Yantra
Author(s): Darshanvijay
Publisher: Charitra Smarak Granthmala
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श्रीबृहद् धारणायंत्र।
साधक अक्षर-छ १०।।
श्रेष्ठ
। १० । मध्यम
मध्यम
नं, साध्यं । तारा: ! योनिः । वर्ग: । विशोपक | गणः ' राशि । नाडी # स्वकीयं ६ श्वान । च लभ्यं मनुष्य मिथुन श्राद्य विरुध्धं ८,१,३ : हरिया
देयं : राक्षस व.क. प्राय १ ऋषभनाथ ! भशुभ
१ : स्व सम | গলিননাঙ্গ ३ संभवनाथ
स्वराशि । अभिनंदन
, . वेध ५. सुमतिनाथ अशुभ
| अशुभ - शुभ । ६ पद्मप्रभु
॥ ५ श्रेष्ठतर . सुपार्श्वनाथ
चंद्रप्रभु अशुभ वेर ह. सुविधिनाथ अशुभ मेली
अशुभ सम . शीतलनाथ
स्वगण ११ श्रेयांसनाथ
मध्यम प्रीति वासुपूज्य
अशुभ : मध्यम वेध विमलनाथ अशुभ
स्वगया ! श्रेष्ठ अनंतनाथ
| मध्यम ! .. धर्मनाथ अशुभ
अशुभतर शांतिनाथ : अशुभ
शुभ वेध कुंथुनाथ - अशुभ :
अशुभ · श्रेष्ठ . | भरनाथ मल्लिनाथ : अशुभ
१॥ , शुभ वेध । मुनिसुव्रत
२॥ (१॥). प्रीति । नमिनाथ গাল
शुभ वेध नेमनाथ
। श्रेष्ठतर पार्श्वनाथ
शुभ : २४ | वर्धमान अशुभ (वैर) (२). स्व श्रेष्ठतर वेध ,, महावीरस्वामी
१॥ ! , " राशि : पति: एकनाथ वर्ण
वश्यं
नक्षत्र मिथुन बुध कन्या । शुद्र विनासिंह धनं सूर्वे । मादा । मध्य
१
मध्यम
मराभ

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