Book Title: Bruhad Dharana Yantra
Author(s): Darshanvijay
Publisher: Charitra Smarak Granthmala
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श्रीबृहद् धारणायंत्र।
साधक अक्षर-वे वै वो वौ।
साध्य
नं. | साध्यजिनः | तारा । योनि | वर्गः | विशोपक | गयः | राशि | नाड़ी । स्वकीयं । ५ । सपे | य लभ्यं देव । वृषभ । मध्य विरुध्धं | ७,६२ नकुल
राक्षसः घन मध्यवेध भृषभनाथ
मध्यम अजितनाथ मैत्री
स्वराशि संभवनाथ
स्वा अभिनंदन सुमतिनाथ !
कुवर
मन
एकभं
rar xxx ur 25 -
पनप्रभु
शभ
श्रेष्ठतर
सुपार्श्वनाथ अशुभ चंद्रप्रभु सुविधिनाथ शीतलनाथ अशुभ श्रेयांसनाथ वासुपूज्य विमलनाथ
अनंतनाथ | अशुभ १५ धर्मनाथ
शांतिनाथ कुंथुनाथ अरनाथ
| अशुभ मल्लिनाथ मुनिसुव्रत नमिनाथ
नेमिनाथ २३ | पार्श्वनाथ २४ वर्षमान , महावीरस्वामी राशि पतिः एकनाथ! वर्णः वृष शुक्र तुला वैश्य |
: *:: : 1 * : 4 . . * a : : *: 45
1 - 4 - -
अशुभ स्वराशि
शुभ अशुभ
शुभ
अशुभ
भवेध
अशुभ
प्राति
वश्य
नसलं मृगशि
युजो पूर्व
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