Book Title: Bruhad Dharana Yantra
Author(s): Darshanvijay
Publisher: Charitra Smarak Granthmala

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Page 108
________________ श्रीबृहद् धारणायंत्र। भूमि परीक्षा शल्य-प्रश्न यंत्र--(चतुष्कोण) दिशा-ऊंडाण-शल्य-परिणाम । प० ईशान १॥ हाथ गाय हड्डी विगेरे पशु मृत्यु ब० पूर्व १|| हाथ नर हड्डी विगेरे धणी मृत्यु क. अमि २ हाथ गर्दभ अस्थ्यादि भय-राजदंड स० उत्तर केड प्रमाण विप्र हड्डी विगेरे निर्धनता य० मध्य छाति प्रमाया नर-अवयवो-मोह मृत्यु व० दक्षिण केड प्रमाण नर-हड्डी विगेरे धणी मृत्यु । ह. वायव्य ४ हाथ नरशब भस्म दु:स्वम-मित्रनाश ए. पश्चिम ॥ हाथ बालक-हड्डी विगेरे घर धणी मृत्यु त. नैऋत २॥ हाथ श्वान हड्डी विगेरे बालक मृत्यु प्रासाद उपर ध्वजा चढावेली न होय तो त्यां करेली पूजा होम अप विगेरे सर्व निष्फळ थाय छे माटे ध्वजा अवश्य चढाववी प्रासाद एक दिवस पण ध्वजा रहित राखवो नहीं। प्रकाशित प्रासाद उपर ध्वजानो दंड प्रासादनी हस्त संख्याने अनुसार करवो अने अंधकार सहित प्रासाद उपर मध्य प्रासादना प्रमाणथी वजानो दंड करबो। गभारामां रंगमंडपमा तथा वलानकमां घंटानु प्रमाण शुरु नासा समान जाणवू । जीर्ण थएला घरनो अथवा देवमंदिरनो उद्धार करतां तेनु बारणुं तथा प्रमाण जो पहेला माफकज राख्यु होय तो नवो वास्तु करवानी जरुर नथी अने जो फेरफार कर्यों होयतो नवी वास्तु करवी ।

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