Book Title: Bruhad Dharana Yantra
Author(s): Darshanvijay
Publisher: Charitra Smarak Granthmala

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Page 71
________________ प्रोवृह वारणायंत्र। साधक अक्षर-नो नौ। नं. : साध्यं : तारा - स्वकीयं विरुध्धं . २,४,६ । ऋषभनाथ योनिः : वर्गः। विशोपकः : गणः । राशि नाड़ी हरिण तलभ्यः ! राक्षस वृधिक पाद्य श्वान अ दे० म० मिथुन माद्यवेष अशुभ श्रेष्ठ hai । भजितनाथ अशुभ शत : 4 : .. श्रेष्ठतर । शुभ | अशुभ स्वराशि १२ वासुपूज्य शुभ संभवनाथ अभिनंदन सुमतिनाथ पद्मप्रभु ७: सुपार्श्वनाथ ८ चंद्रप्रभु सुविधिनाथ : शीतलनाथ अशुभ श्रेयांसनाथ अशुभ अशुभ विमलनाथ अनंतनाथ धर्मनाथ शांतिनाथ १७ कुंथुनाथ অনাথ मल्लिनाथ मुनिसुव्रत नमिनाथ नेमनाथ पार्श्वनाथ वर्धमान महावीरस्वामी : * मध्यम प्रीति सम : : : * शुभ भवेष वश्य पशि E पतिः । एकनाथ वर्ण मंगल। मेष ब्राह्मण सिंह नवलं युजि ज्येष्ठा ! पश्चिम

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