Book Title: Bruhad Dharana Yantra
Author(s): Darshanvijay
Publisher: Charitra Smarak Granthmala

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Page 87
________________ श्रीबृहद् धारणायंत्र। --.--.---..-..... --- साधक अक्षर-रुरू रे रै रो रौ (रु रू १ पाद ७-१७-२३ भवेधः ४) अंत्यवेध नं. साध्यजिनः । तारा : योनिः : वर्ग विशोपकः । गणः ! राशी । नाड़ी . स्वकीयं ६ महिष य लभ्य देव तुला अंत्य : विरुधं ८,१.३ : अश्व च : देयं राक्षस राक्षस : मीन ऋषभदेव अशुभ शुभ भवेध अजितनाथ संभवनाथ अभिनंदन सुमतिनाथ | अशुभ Amr मध्यम ६। पद्मप्रभु वेध* स्वराशि अशुभः शुभ मध्या rry ur 2 / 25.2322- 2 श्रेष्ठतर | वेध मध्यम शत्तु on • ७ सुपार्श्वनाथ ८ चंद्रप्रभु सुविधिनाय | अशुभ शीतलनाथ श्रेयांसनाथ वासुपूज्य विमलनाथ अशुभ अनंतनाथ धर्मनाथ অগ্রস शांतिनाथ अशुभ कुंथुनाथ अशुभ अरनाथ मल्लिनाथ ! अशुभ मुनिसुव्रत नमिनाथ / अशुभ नेमनाथ २३ पार्श्वनाथ वर्धमान अशुभ , महावीरस्वामी , राशिः पतिः । एकनाथ वर्णः तुला शुक्रः । वृषभ । शुद्र । स्व प्रीति वेध वेध शतु | सम 20 = = श्रेष्ठतर | वेध | सम श्रेष्ठ स्वराशि वेध* श्रेष्ठ . (०) मध्यम वश्य विनासिंह मनुष्यंच नवन युजी स्वाति | मध्य

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