Book Title: Bruhad Dharana Yantra
Author(s): Darshanvijay
Publisher: Charitra Smarak Granthmala

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Page 45
________________ श्रीवृहद् धारणायंत्र। साधक अदर-गु, गू, गे, गें। Rate भेष्ठतर : : : *: शुभ * ने साध्य जिनः | तारा योनिः । वर्ग विशोपक: | गणः ! राशि | नाड़ी | स्वकीयं । सिंह | राक्षस | कुंभ । विरुध्धं ७६.२ इस्ति देयं । दे. म. कर्क मध्यवेध • १ | भृषभनाथ भशुभ ! शुभ ..२ अजितनाथ | संभवनाथ । मध्यम वेध अभिनंदन | अशुभ सुमतिनाथ पद्मप्रभु सुपाश्वनाथ | अशुभ चंद्रप्रभु - सुनिधिनाथ शुभ शीतलनाथ স্বয়ম | श्रेयांसनाथ श्रेष्ठ वासुपूज्य स्वराशि विमलनाथ अशुभ वेध १४ अनंतनाथ अशुभ | वैर अशुभ , धर्मनाथ शत्रु वेध शांतिनाथ | शुभ कुंथुनाथ गय | भेष्ठतर १८ परनाथ अशुभ | वैर भशुभ मस्मिनाथ मुनिसुव्रत श्रेष्ठ नमिनाथ शुभ और नेमिनाथ प्रीति | वेध पार्श्वनाथ शभ वर्धमान | महावीर पतिः एकनाथ वर्ण वश्यं नक्षत्र शनि । मकर | शुद्र विनासिंह मनुष्यं च । धनिष्ठा पश्चिम : : * १॥ पशुभ प्रीति | युजि

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