Book Title: Bhimsen Nrup Charitra Author(s): Ajitsagarsuri Publisher: Sagargaccha Jain Sangh Sanand View full book textPage 3
________________ ShriMahavir JanArchanaKendra Achhaltung 4COME MORMAN ONA RATASKR अजितसागरमूरिग्रन्थमालामन्याङ्क: १४-१५ PARDAST व्याख्यानवाचस्पतिश्रीमद्-अजितसागरसूरिभणीतम् श्रीनीमसेननृपचरितम् । साणन्दवास्तव्यश्रीतपागच्छान्तर्गतश्रीसागरगच्छसंग्रहीतशानद्रव्यसाहाय्येन साणंदवास्तव्यसागरगच्छेन प्राकाश्यं नीतम् । वीर सं० २४५७ विक्रम सं० १९८६ बुद्धि सं०६ ईस्विनन १९३१ मुद्रकः-शा. गुलाबचंद लल्लुभाई, मुद्रणस्थान:-मानंद मुद्रणालय-भावनगर. प्रतयः २५० For Private And Personlige OnlyPage Navigation
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