Book Title: Bhikshu Mahakavyam Author(s): Nathmalmuni, Nagrajmuni, Dulahrajmuni Publisher: Jain Vishva Bharati View full book textPrevious | NextPage 329________________ दसवां सर्ग प्रतिपाद्य : आचार्य रघुनाथजी के संघ से पृथक् होकर मुनि भिक्षु का १३ सन्तों के साथ केलवा (मेवाड ) में आना, कुछ सन्तों के साथ अंधेरी ओरी में चातुर्मास करना तथा नई दीक्षा ग्रहण करना आदि । ६० शार्दूलविक्रीडित श्लोक : छन्द :Loading...Page Navigation1 ... 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350