Book Title: Bhikshu Mahakavyam
Author(s): Nathmalmuni, Nagrajmuni, Dulahrajmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 349
________________ काव्यकार मुनि नत्थमलजी जन्म-स्थल-बागोर (मेवाड़) जन्म-वि० सं० १९५९ वैशाख शुक्ला १३ दीक्षा-वि० सं० १९७२ माघ शुक्ला १४ पाली में तेरापंथ के अष्टमाचार्य श्री कालूगणी के करकमलों से। समाधिमरण-वि० सं० २०४३ चैत्र शुक्ला १४ सुजानगढ़ में। ___ मुनि श्री नत्थमलजी तेरापंथ धर्मसंघ के वरिष्ट संत, संस्कृत-प्राकृत आदि प्राच्य विद्याओं के ज्ञाता, भारतीय दर्शन एवं न्यायशास्त्र के विद्वान्, जैन वाङ्मय और तेरापंथ दर्शन के मर्मज्ञ, आगम तथा अर्हत् वाणी के प्रति समर्पित साधक थे। वे दुबलेपतले शरीर एवं साधारण वेशभूषा में रहने वाले तथा अपने विचारों के प्रति प्रतिबद्ध मुनि थे। व्यवहार कुशलता, विनम्रता और उदारता उनके विरल गुण थे।

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