Book Title: Bharatiya Puralipi Shastra
Author(s): George Buhler, Mangalnath Sinh
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 125
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नागरी-लिपि संख्या अत्यल्प है। पर 950 ई. के बाद यह संख्या बढ़ जाती है और 11वीं शती में तो यह लिपि नर्मदा के उत्तर के प्रदेशों में छा जाती है। ___मध्य भारत के सियाडोनी अभिलेखों (फल. V, स्त. VII) और गुजरात के प्रथम चालुक्य राजा के ताम्रपट्टों (फल. V, स्त. XI) 245 के अक्षरों में 10वीं शती की उत्तरी नागरी के रूप मिलते हैं। सियाडोनी के अभिलेख सन् 968 ई. और उसके बाद के हैं और गुजरात के ताम्रपट्ट 987 ई. में खोदे गये थे। कन्नौज के राष्ट्रकूट (गहड़वाल) राजा मदन पाल के सं. 1097 ई. के ताम्रपट्ट (फल. V, स्त. XII); पश्चिमी मध्यभारत में मालवा के परमार राजाओं की उदयपुर प्रशस्ति (संभाव्य तिथि 1060 ई.) (फल. v, स्त. XIII); सन् 1050 के चंदेल देववर्मन के नन्यौरा ताम्रपट्ट (फल. V, स्त. XIV) और त्रिपुरा के कलचुरी कर्ण के सन् 1042 के ताम्रपट्ट (फल. v, स्त. XV), दोनों मध्यभारत के पूर्व भाग के हैं; और गुजरात के चालुक्य भीम के सन् 1029 के ताम्रपट्टों में (फल. V, स्त. XVI) 11 वीं शती की उत्तरी नागरी के नमूने मिलते हैं । 246 1 100 से 1207 ई. की उत्तरी नागरी के उदाहरण अंतिम राष्ट्रकूट (गहड़वाल) राजा जयच्चन्द्र के सन् 1175 के एक ताम्रपट्ट (फलक V, स्त. Xx); गुजरात के अंतिम चालुक्य राजा भीम द्वितीय के सन् 1199 और 1209 के ताम्रपट्टों (फल. V, स्त. XXI); मालवा के परमार उदयवर्मन का सन् 1200 का ताम्रपट्ट (फल. V, स्त. XXII) और त्रिपुरा के कलचुरि जाजल्ल के समय के सन् 1114 के रतनपुर के प्रस्तर अभिलेख (फल. V, स्त. XXIII) में मिलते हैं ।247 इन नागरी अभिलेखों के अक्षरों से मिलते-जुलते अक्षर बहुसंख्यक ताड़पत्रों पर लिखे उन ग्रंथों के हैं जो गुजरात, राजस्थान और उत्तरी डेक्कन में मिले हैं। इनकी तिथियाँ 11वीं शती से तो निश्चय ही, पर संभवतः 10वीं शती 245. देखि. ऊपर 21, पा. टि. 192; मिला. इं. ऐ. XII, 250, 263; XVI, 202; ए. ई. I, 122; ज. बा. ब्रां. रा. ए. सो. XVIII, 239 की प्रतिकृतियों से। ___246. देखि. ऊपर 21, पा. टि. 192; मिला. इ. ऐ. VI, 53, 54; VIII, 40; XII, 126, 202; XV, 36; XVI, 208; XVIII 34; ए. ई. I, 216; 316; III, 50 की प्रतिकृतियों से भी। 247. देखि. ऊपर 21, पा. टि. 192; उदाहरणार्थ मिला. इं. ऐ. XI, 72; XVII; 226; XVIII, 130 की प्रतिकृतियों से । _107 For Private and Personal Use Only

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