Book Title: Bharatiya Puralipi Shastra
Author(s): George Buhler, Mangalnath Sinh
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 194
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १७६ भारतीय पुरालिपि-शास्त्र 0 0 4 4 1 ख-ख-वेद-समुद्र-शीतरश्मयः= 14400 और वही 9. 9 में : खखाष्टियमाः में0 0 16 2 ख-ख-आष्टि--यमा-:=21600 ऐसे द्वन्द्व समासों में दाशमिक संख्यांक प्रणाली पूर्वाधिष्टित है। ऐसे समास अभिलेखों की तिथियों में भी मिलते हैं। इस ढंग से अभिव्यक्त तिथियाँ 7वीं शती के कंबोज और चंपा के अभिलेखों में भी मिलती हैं । 119 जावा में ये आठवीं शती में मिलती हैं। 20 किसी भारतीय प्रलेख में ऐसे लेखन का चिह्न इसी समय के आसपास के चिकाकोल ताम्रपट्ट में मिलता है जिसका उल्लेख पृष्ठ 160 पर किया जा चुका है । इस लेख में लोक का संक्षिप्त रूप लो%33 है । इसके बाद के 813 ई. के कडब पट421 और सन 842 ई. का घोलपर का प्रस्तर अभिलेख है 1122 इनमें तिथियां शब्द-संख्याओं में दी हैं। इसकी अगली शती के सन् 945 ई. के पूर्वी चालुक्य अम्म द्वितीय के पट्ट हैं । 123 इसके बाद तो अभिलेखीय उदाहरण और प्रचुर हो जाते हैं । जैनों की ताड़पत्रों की प्राचीन पोथियों 124 और कागज के हस्तलिखित ग्रंथों में इनके बहुत-से उदाहरण मिलेंगे। ऐसी विधि के प्रयोग का कारण क्लर्कों और लिपिकारों की आत्म-प्रदर्शन की भावना है जो यह दिखलाना चाहते थे कि वे ज्योतिषियों और खगोल शास्त्रियों की प्रणालियों से परिचित हैं । इसका एक दूसरा कारण श्लोकों में तिथियों का उल्लेख भी है। आ. अक्षरों से संख्याकों का द्योतन संख्यांकों के प्रकट करने की दो और प्रणालियों का उल्लेख शेष है। पुरालिपि की दृष्टि से ये प्रणालियां भी महत्त्वहीन नहीं हैं। बर्नेलके मत से ये दोनों _419. बार्थ, इंस्क्रि. संस्कृ. डू, कंबोज, सं. 5 तथा आगे; वर्गग्ने-बार्थ, इंस्क्रि. संस्कृ. डे चंपा, एट डू कम्बोज सं. 22 तथा आगे। 420. इं ऐ. XXI, 48, सं. 2. 421. इं. ऐ. XII, 11; फ्लीट ने इन्हें संदेहास्पद बतलाया है, देखि. कनरीज डाइनेस्टीज, बॉम्बे गजेटियर 1, II, 399, टिप्पणी सं. 7. 422. सा. डे. मी. गे. XL, 42, छंद 23; इस ओर कीलहान ने ध्यान दिलाया है। 423. इं. ऐ. VII, 18. 424. कीलहान, रिपोर्ट, 1880-81, सं. 58, पीटरसन, थर्ड रिपोर्ट, परिशिष्ट I, सं. 187. 6, 251, 253, 256, 270 आदि । 176 For Private and Personal Use Only

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