Book Title: Bhagvati Sutra Part 04
Author(s): Ghevarchand Banthiya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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भगवती मूत्र-ग. १२ उ. ९ भव्यद्रव्यादि पांच प्रकार के देव
२०९७
२४ प्रश्न-भवियदबदेवा णं भंते ! अणंतरं उव्वट्टित्ता कहिं गच्छंति कहिं उववनंति ? किं णेरइएसु उववजंति जाव देवेसु उववजति ?
२४ उत्तर-गोयमा ! णो णेरइएमु उववनंति, णो तिरि० णो मणु० देवेमु उववजंति, जड़ देवेसु उववजति सब्वदेवेसु उववज्जति जाव सबट्ठसिद्धत्ति ।
२५ प्रश्न-णरदेवा णं भंते ! अणंतरं उव्वट्टित्ता-पुन्छ ।
२५ उत्तर-गोयमा ! गैरइएसु उववजंति, णो तिरि० णो मणु० णो देवेमु उववजंति, जइ गैरइएमु उववनंति० सत्तसु वि
पुढवीसु उववजंति। .. २६ प्रश्न-धम्मदेवा णं भंते ! अणंतरं०-पुच्छा।
२६ उत्तर-गोयमा ! णो णेरइएसु उववनंति, णो तिरि० णो मणु० देवेसु उववति । . २७ प्रश्न-जइ देवेसु उववजति किं भवणवासि०-पुच्छा ।
२७ उत्तर-गोयमा ! णो भवणवासिदेवेसु उववजंति, णो वाणमंतर०, णो जोइसिय०, वेमाणियदेवेसु उववजंति, सब्बेसु वेमाणिएमु उववजंति जाव सबसिद्धअणुत्तरोववाइएसु-जाव उववजंति, अत्थेगइया सिझंति जाव अंतं करेंति। ..
२८ प्रश्न-देवाहिदेवा अणंतरं उव्वट्टित्ता कहिं गच्छंति, कहिं
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