Book Title: Bhagvati Sutra Part 04
Author(s): Ghevarchand Banthiya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 554
________________ भगवती सूत्र - ग. १२ उ. १० आत्मा के आट मेद और उनका संबंध योगात्मा होती है, इत्यादि प्रश्न । ५ उत्तर - हे गौतम! जिसके कषायात्मा होती है, उसके योगात्मा अवश्य होती है, किंतु जिसके योगात्मा होती है, उसके कषायात्मा कदाचित् होती है और कदाचित् नहीं होती। इसी प्रकार उपयोगात्मा के साथ कषायात्मा का संबंध कहना चाहिये । तथा कषायात्मा और ज्ञानात्मा, इन दोनों का परस्पर सम्बन्ध भजना से कहना चाहिये । कषायात्मा और उपयोगात्मा के सम्बंध के समान कायात्मा और दर्शनात्मा का सम्बन्ध कहना चाहिये तथा कषायात्मा और चारित्रात्मा का परस्पर सम्बन्ध भजना से कहना चाहिये । कषायात्मा और • योगात्मा के सम्बन्ध के समान कषायात्मा और वीर्यात्मा का सम्बन्ध कहना चाहिये। जिस प्रकार कषायात्मा के साथ अन्य छह आत्माओं की वक्तव्यता कही है, उसी प्रकार योगात्मा के साथ आगे की पांच आत्माओं की वक्तव्यता कहनी चाहिये। जिस प्रकार द्रव्यात्मा की वक्तव्यता कही, उसी प्रकार उपयोगात्मा की आगे की चार आत्माओं के साथ वक्तव्यता कहनी चाहिये । जिसके ज्ञानात्मा होती है, उसके दर्शनात्मा अवश्य होती है और जिसके दर्शनात्मा होती है, उसके ज्ञानात्मा भजना से होती है । जिसके ज्ञानात्मा होती है, उसके.. रत्रात्मा भजना से होती है और जिसके चारित्रात्मा होती है, उसके ज्ञानात्मा अवश्य होती है । ज्ञानात्मा और वीर्यात्मा- इन दोनों का पारस्परिक सम्बन्ध भजना से कहना चाहिये। जिसके दर्शनात्मा होती है, उसके चारित्रात्मा और वीर्यात्मा- ये दोनों भजना से होती है। जिसके चारित्रात्मा और वीर्यात्मा होती है, उसके दर्शनात्मा अवश्य होती है । जिसके चारित्रात्मा होती है, उसके वीर्यात्मा अवश्य होती है और जिसके वीर्यात्मा होती है, उसके चारित्रात्मा कदाचित् होती है और कदाचित् नहीं भी होती । ܕܐ ६ प्रश्न - हे भगवन् ! द्रव्यात्मा, कषायात्मा यावत् वीर्यात्मा- इनमें से कौनसी आत्मा किससे अल्प यावत् विशेषाधिक है ? ६ उत्तर - हे गौतम ! सबसे थोड़ी चारित्रात्मा है, उससे ज्ञानात्मा Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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