Book Title: Bhagavana Adinath
Author(s): Vasant Jain Shastri
Publisher: Anil Pocket Books

View full book text
Previous | Next

Page 144
________________ (१४२ ) हजारो गायो को निष्पक्ष भाव से चराता है, देखभाल करता है । हजारो गायो मे कई गायें उदण्ड भी होती है तो वह ग्वाला उन्हे, जोर से मारता नही, उसके ग्रग भी नही छेदता अपितु उसको सतुलित दण्ड से भागे कर लेता है। शासक का पभाव उसकी प्रजा पर अवश्य पडता है। यदि शामक न्यायी, ईमानदार, सत्यवादी, सदाचारी होगा तो उसकी प्रजा भी वैसी ही होगी क्योकि-यथा राजा तथा प्रजा। पूर्ण तरह से राजनीति के भेद प्रभेद समझाते हुए महाराज भरत ने अन्त में कहा_ 'हे राजाम्रो। अपने शासित क्षेत्र को सफल और उन्नत बनाने के लिये तुम्हे अपने जीवन मे सत्यता, सादगी, निर्लोभता और निमशता लानी चाहिये । इस प्रकार महाराज भरत राजा व प्रजा को सब तरह से समझाते हुए राज्य करने लगे।

Loading...

Page Navigation
1 ... 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195