Book Title: Bauddh Darshan ka Samikshatmak Adhyayana
Author(s): Jyotsnashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 337
________________ रत्नाकरावतारिका में बौद्ध दर्शन के विविधि मंतव्यों की समीक्षा का अर्थ ही परिवर्तन होता है। इसके विपरीत, यदि परमाणु को अनित्य मानते हो, तो वह परमाणु- 1. क्षणिक है ? अथवा कालान्तर स्थायी है ? अर्थात् सदा रहने वाला नित्य-पदार्थ है । एक क्षण के पश्चात् दूसरे, तीसरे आदि क्षणों में भी स्थायी रहने वाले पदार्थ को ही नित्य कहते हैं। यदि क्षणिक मानते हैं, तो क्या - 1. अकस्मात् ही, अर्थात् बिना किसी कारण के ही परमाणुओं की उत्पत्ति हो जाती है ? अथवा 2. किसी कारण से परमाणुओं की उत्पत्ति हो जाती है ? पुनः, यदि परमाणु की अकस्मात् उत्पत्ति होती है, तो या तो - 1. कारण का प्रतिषेध मानना चाहिए ? या 2. उत्पत्ति (कार्य) का प्रतिषेध मानना चाहिए ? 3. स्वात्म - हेतुत्व मानना होगा, अर्थात् स्वयं ही स्वयं का हेतु (कारण) होता है- ऐसा कहना चाहिए ? अथवा फिर परमाणु की न कोई आदि है और न कोई अन्त है, इस प्रकार, उसको 4. शाश्वत कहना चाहिए? इस प्रकार, शून्यवादी बौद्धों ने पूर्वपक्ष के रूप में जैनों के समक्ष चार विकल्प रखे हैं- 1. प्रथम विकल्प, परमाणुओं की उत्पत्ति में किसी अन्य कारण की अपेक्षा नहीं होने से वह परमाणु अहेतुक अर्थात् किसी बिना कारण के होने से उसे या तो सत् माना जाएगा, या असत् माना जाएगा। इस प्रकार, परमाणुओं को अहेतुक मानने पर उसे नित्य-सत् या नित्य-असत् मानने का प्रसंग उत्पन्न हो जाएगा । दोनों स्थितियों में उसमें अर्थक्रियाकारित्व संभव नहीं होगा। 2. यदि दूसरा विकल्प यह मानते हैं कि परमाणुओं की उत्पत्ति न पूर्व में होती है, न पश्चात् होती है, अर्थात् परमाणुओं की उत्पत्ति ही नहीं होती है। इसका अर्थ होगा कि उनकी कोई सत्ता नहीं है, अर्थात् वे शून्यरूप हैं । 3. तीसरा, विकल्प स्वात्म - हेतुत्व मानने पर परमाणुओं की उत्पत्ति होगी, कैसे ? क्योंकि यदि पदार्थ स्वयं ही अविद्यमान हो, तो स्वयं की उत्पत्ति कैसे करेगा, अर्थात् अविद्यमान पदार्थ स्वयं की उत्पत्ति में निमित्त नहीं बन सकता। 4. चौथा विकल्प, यदि परमाणु को शाश्वत मानों, तो वह तो सनातन अर्थात् नित्य की कोटि में आ जाएगा, अतः, अकस्मात् ही, अर्थात् बिना किसी कारण के ही परमाणु की उत्पत्ति हो गई ऐसा नहीं कहा जा सकता। यदि किसी कारण से परमाणु की उत्पत्ति मानी जाए, तो प्रश्न यह उत्पन्न होता है कि परमाणु की उत्पत्ति का कारण कोई - 1. स्थूल पदार्थ है ? 2. स्वयं परमाणु ही अपनी उत्पत्ति का कारण है ? 'अर्थ (वस्तु) परमाणुरूप है - यह स्वीकार करने से परमाणु का कारण स्थूल पदार्थ नहीं कहा जा सकता । स्थूल तो स्कन्ध अर्थात् परमाणुओं का समूहरूप होता है । दूसरे शब्दों में, स्थूल की सत्ता परमाणुओं से भिन्न भी नहीं होती है । यदि Jain Education International For Private & Personal Use Only 335 www.jainelibrary.org

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