Book Title: Bangal Ka Aadi Dharm
Author(s): Prabodhchandra Sen, Hiralal Duggad
Publisher: Vallabhsuri Smarak Nidhi

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Page 68
________________ परिशिष्ट || बंगाल में जैन पुरातत्त्व सामग्री ॥ बंगाल के आसपास तथा बंगालदेश के अनेक स्थलों से प्राचीनकालीन जैन तीर्थकरों, गणधरों, साधु, श्रावक, श्राविकाओं यक्ष, यक्षणियों आदि की अनेक मूर्तियाँ, ताम्रपत्र, शिलालेख स्तम्भ इत्यादि पुरातत्त्व सामग्री उपलब्ध हुई है, और हो रही हैं । जिस से प्राचीन जैन इतिहास कुछ प्रकाश में आने लगा है | बंगाल के कुछ हिस्सों में विराट जैन मूर्तिया भैरव के नाम से पूजी जाती हैं । मानभूम, बांकुड़ा वगैरह स्थाना में और देहातों में आजकल भी जैनमंदिरों के ध्वंसावशेष पाये जाते हैं मानभूम में पंचकोट के राजा के अधीनस्थ अनेक ग्रामों में विशाल जैनमूर्तियों की पूजा हिन्दू पुरोहित या ब्राह्मण करते हैं । वे भैरव के नाम से पुकारे जाते हैं और नीच या शूद्र जाति के लोग वहां पशुबलि भी करते हैं । इन सब मूर्तियों के नीचे जैन लेख अब भी खुदे हुए पाये जाते हैं । अनेक जैनमन्दिर हिन्दू तथा बौद्धधर्म के मन्दिरों में परिवर्तित कर लिये गये हैं । बंगाल तथा भारत के प्रत्येक विभाग में बहुत सी जैन पुरातत्त्व सामग्री अभी तक भूगर्म में छिपी पड़ी है । इसी पुस्तिका में अग्रेजी का जो लेख "Jaina Antiquities in Manbhum” प्रकाशित हुआ है, उससे आप ज्ञात करेंगे कि बंगालदेश में यदि सरकार इस भूगर्भ तथा इधर उधर बिखरी हुई जैनपुरातत्त्व सामग्री की शोध खोज की तरफ पूरा ध्यान दे तथा इस की खुदाई करावे तो जैनधर्म के प्राचीन इतिहास तैयार करने को पर्याप्त सामग्री प्राप्त हो । क्योंकि

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