________________ जैनधर्म बंगाल का प्राचीनतम धर्म था यह बात निःसन्देह है कि बंगाल-देश में वैदिक आर्यधर्म ने जैन, बौद्ध एवं आजीवक धर्मों के बाद प्रतिष्ठा प्राप्त की थी / बंगालदेश में सर्वप्रथम किस भारतीय धर्म ने प्रतिष्ठा एवं विस्तार प्राप्त किया था ? इसी प्रश्न के उत्तर के लिये अब यहाँ विचार करने की आवश्यकता है। हम पहले विस्तार पूर्वक लिख आये हैं कि बंगालदेश में जन, बौद्ध एवं आजीवक धर्मों का विस्तार तथा इन्हें ही प्रतिष्ठा प्राप्त थी। इन में से भी प्रथम दो शताब्दी तक बंगालदेश में बौद्धधम प्रतियोगिता के कारण प्रसार प्राप्त न कर सका था। अतएव जैन और आजीवक धर्मों को ही बंगाल के आदि धर्म स्वीकार करना होगा। हम पहले लिख आये हैं कि उत्तरवर्ती काल में ग्राजीवकध संभवतः जनधर्म में मिल गया था। इस लिये ईसा की सातवीं शताब्दी में ह्य सांग ने बंगालदेश में आजीवक संप्रदाय को नहीं देखा था किन्तु निग्रंथों (जनों) का ही यथेष्ठ प्रभाव देखा था। श्री प्रबोधचन्द्र सेन एम.ए. XXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXxxxxxxx