Book Title: Bahubali tatha Badami Chalukya Author(s): Nagarajaiah Hampa, Pratibha Mudaliyar Publisher: Rashtriya Prakrit Adhyayan tatha Anusandhan SansthaPage 13
________________ SASURE httDERDERMANAND ganesalesed प्रो. नागराजय्य हंपना परिचय कर्नाटक के प्रमुख साहित्यकार प्रो. नागराजय्या हंपा जी ने कन्नड तथा अंग्रेजी में 80 से भी अधिक पुस्तकें लिखी हैं। वे गत पाँच दशकों से लेखन कर्म में रत हैं। अपने लेखन में उन्होंने विभिन्न विषयों तथा अनुसंधान का समावेश किया है। उनकी कुछ पुस्तकों का अंग्रेजी, हिंदी, मराठी, तमिल, तेलगु, मलयालम, गुजराती, राजस्थानी तथा ओरिया आदि भाषाओं में अनुवाद हुआ है। उन्होंने 37 वर्ष से भी अधिक स्नातक तथा स्नातकोत्तर विभागों में अध्यापन का कार्य किया है। उन्होंने कन्नड साहित्य परिषद, कर्नाटक की महत्वपूर्ण संस्था के आठ वर्ष तक सचिव तथा आठ वर्ष अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। उनको राष्ट्रीय तथा अंतराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। स्थानीय साहित्यकारों ने मिलकर पाँच अभिनंदन ग्रथों से उनको सम्मानित किया है। कर्नाटक में उनका संबोधन “नाडोज हंपना” इस रूप में किया जाता है। कारण उनको कर्नाटक के अत्यंत प्रसिद्ध पुरस्कार "Jewel of Jain World" और “नाडोज पुरस्कार" से सम्मानित किया गया है। प्रो. नागराजय्य हंपना ने राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय कांग्रेस, सांगोष्ठियों में अपने अनुसंधानात्मक आलेख प्रस्तुत किए हैं। साथ ही विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित वार्षिक तथा संस्थापन दिन व्याख्यान माला में व्याख्यान भी दिए हैं। विशेषकर जैनधर्म-अध्ययन में उनका योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण तथा लाभदायक है। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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