Book Title: Auppatiksutram
Author(s): Abhaydevsuri, Dronacharya,
Publisher: Agamoday Samiti
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णिज्जा णिग्गंथे पावयणे णिस्संकिया णिक्खंखिया निवितिगिच्छा लठ्ठा गहियहा पुच्छियट्ठा अभिग| यहा विणिच्छियहा अद्विमिंजपेम्माणुरागरत्ता अयमाउसो ! णिग्गंथे पावयणे अढे अयं परम सेसे अणढे ऊसियफलिहा अवंगुयदुवारा चियत्तंतेउरपरघरदारप्पवेसा चउद्दसमुद्दिपुण्णमासिणीसु पडिपुण्णं पोसहं सम्म अणुपालेत्ता समणे णिग्गंथे फासुएसणिजेणं असणपाणखाइमसाइमेणं वत्थपडिग्गहकंबलपायपुंछ|णेणं ओसहभेसजेणं पडिहारएण य पीढफलगसेज्जासंथारएणं पडिलाभेमाणा विहरंति विहरित्ता भत्तं पच्चक्खंति ते बहूई भत्ताई अणसणाए छेदिति छेदित्ता आलोइयपडिकंता समाहिपत्ता कालमासे कालं किचा उक्कोसेणं अच्चुए कप्पे देवत्ताए उववत्तारो भवंति, तहिं तेसिं गई बावीसं सागरोवमाई ठिई आराहया सेसं तहेव २० । से जे इमे गामागर जाव सण्णिवेसेसु मणुआ भवंति, तंजहा-अणारंभा अपरिग्गहा धम्मिया जाव कप्पेमाणा सुसीला सुव्वया सुपडियाणंदा साहू सव्वाओपाणाइवाआओ पडिविरया जाव सव्वाओ परिग्गहाओ पडिविरया सव्वाओ कोहाओ माणाओ मायाओ लोभाओ जाव मिच्छादसणसल्लाओ पडिविरया सव्वाओ आरंभसमारंभाओं पडिविरया सव्वाओ करणकारावणाओ पडिविरया सव्वाओ पयणपयावणाओ पडिविरया सव्वाओ कुदृणपिट्टणतजणतालणवहबंधपरिकिलेसाओ पडिविरया सव्वाओ पहाणमद्दणवण्णगविलेवणसहफरिसरसरूवगंधमल्लालंकाराओ पडिविरया जेयावण्णेतहप्परगारा सावजजोगोवहिया कम्मंता परपाणपरियावणकरा कजंति तओवि पडिविरया जावजीवाए से जहाणामए
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