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पर परीक्षा एक दिन होनी हिया की प्यार के पथ की थकन भी तो मधुर है प्यार के पथ में जलन भी तो मधुर है। आग ने मानी न बाधा शैल-वन की गल रही बुझ पास में दीवार तन की प्यार के दर पर दहन भी तो मधुर है प्यार के पथ में जलन भी तो मधुर है।
यह प्रार्थना, प्रेम, भक्ति, ध्यान, परमात्मा का मार्ग इस पर बहुत तरह की जलन तो होगी। बहुत तरह की आगों से मुकाबला तो होगा। इसे आनंद से नाचते और गीत गुनगुनाते गुजार देना तो हर चीज सहयोगी बन जायेगी । ऐसा तो भूल कर मत सोचना कि साधना का पथ फूल ही फूल से भरा है। फूल तो कभी-कभी, शूल ही शूल ज्यादा हैं। और जैसे-जैसे आत्यंतिक घड़ी करीब आने लगेगी, वैसे-वैसे परीक्षाएं तीव्र और प्रगाढ़ होने लगती हैं। आखिरी कसौटी में तो सारी परीक्षायें गर्दन पर फासी की तरह लग जाती हैं। उस घड़ी में भी जो निर्विकार, उस घड़ी में भी जो शांत, मौन, अहोभाव से भरा रहता है, वही प्रभु के दर्शन को उपलब्ध हो पाता है।
हरि ओम तत्सत्!