Book Title: Arhat Vachan 2011 10 Author(s): Anupam Jain Publisher: Kundkund Gyanpith Indore View full book textPage 7
________________ 2004 - International Conference on History and Heritage of Mathematical Sciences (ICHHMS- 2004) का प्रतिष्ठापूर्ण आयोजन शास. होल्कर विज्ञान महाविद्यालय, इन्दौर एवं भारतीय गणित इतिहास परिषद, नई दिल्ली के साथ मिलकर किया। 25 विदेशी तथा 150 से अधिक भारतीय विद्वान सम्मिलित । तेरापंथ जैन धर्म संघ के आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी का जैन विद्या संगोष्ठी 31.03.2004 से 1.04.2004 में सान्निध्य । 2005 - राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन, नई दिल्ली द्वारा कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ इन्दौर को MRC मनोनीत किया गया। 15-26 जुलाई के मध्य International Summer School for Jaina Studies सफल आयोजन, 8 विदेशी विद्वान सम्मिलित । 2006 - कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ शोध केन्द्र पर डॉ. मनीषा जैन, इन्दौर की अर्थशास्त्र विषय में प्रथम Ph.D. मौखिक परीक्षा इस केन्द्र से पंजीयत अनेक शोधार्थियों का कार्य प्रगति पर। कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ के अन्तर्गत परीक्षा संस्थान के माध्यम से ज्योतिष रत्न पाठ्यक्रम प्रारम्भ। 2007 - आचार्य श्री विशुद्ध सागरजी महाराज के पावन सान्निध्य में तत्कालीन शिक्षा मंत्री श्री लक्ष्मणसिंह गौड़ द्वारा संस्कृति बोध कला वीथिका शुभारम्भ। 14 जनवरी को राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन के तत्वावधान में तत्त्वबोध व्याख्यान का आयोजन । कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ इन्दौर पुस्तकालय को Young Librarian Association द्वारा Best Library of M.P. का अवार्ड। श्वेताम्बर जैन मूर्ति पूजक संघ के वरिष्ठ आचार्य श्री पद्मसागरसूरि जी का ज्ञानपीठ में 03.12.07 को शुभागमन । 2008 - 17-19 अक्टूबर के मध्य जैन विद्या संगोष्ठी का वृहद् आयोजन। राष्ट्रसंत उपाध्याय श्री ज्ञानसागरजी का ज्ञानपीठ में शुभागमन । 2009 - तत्कालीन शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस की उपस्थिति में 2001 से ज्ञानपीठ के मानद निदेशक प्रो. ए.ए. अब्बासी का विशेष सम्मान । 2010 - 'जैन धर्म एवं सामाजिक सरोकार' विषय पर एक 28.07.10 को राष्ट्रीय सेमिनार ISJS के संयुक्त तत्वावधान में । राष्ट्रसंत पूज्य मुनिश्री पुलकसागरजी का ज्ञानपीठ में शुभागमन। फ्लोरिडा अंतर्राष्ट्रीय वि.वि. फ्लोरिडा में स्थापित प्रथम भगवान महावीर प्रोफेसरशिप से सम्मानित प्रो. नेथन केट्ज का जैन विद्या संगोष्ठी दिसम्बर 2010 में मुख्य अतिथि के रूप में उद्बोधन। राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन द्वारा MCC (पांडुलिपि संरक्षण केन्द्र) से मनोनीत देवी अहिल्या वि.वि., इन्दौर के वर्तमान कुलपति प्रो. पी.के. मिश्रा द्वारा कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर के माध्यम से FIU के साथ पारस्परिक आदान-प्रदान के कार्यक्रमों की शुरुआत के संकेत। अर्हत् वचन, 23 (4), 2011Page Navigation
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